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भारत और रूस के लिए अफगानिस्तान की स्थिति चिंता का विषय : रूसी राजदूत

अफगानिस्तान की दिनोंदिन बदलती स्थिति पर भारत में रूसी राजदूत निकोले कुदाशेव ने सोमवार को कहा कि अफगानिस्तान में स्थिति भारत और रूस दोनों के लिए सामान्य चिंता का विषय है। राजदूत ने आतंकवाद के पुनरुत्थान पर भी चिंता व्यक्त की।

By Avinash RaiEdited By: Published: Mon, 06 Sep 2021 07:02 PM (IST)Updated: Mon, 06 Sep 2021 07:02 PM (IST)
भारत और रूस के लिए अफगानिस्तान की स्थिति चिंता का विषय : रूसी राजदूत
भारत और रूस के लिए अफगानिस्तान की स्थिति चिंता का विषय : रूसी राजदूत

नई दिल्ली, पीटीआइ। अफगानिस्तान की दिनोंदिन बदलती स्थिति पर भारत में रूसी राजदूत निकोले कुदाशेव ने सोमवार को कहा कि अफगानिस्तान में स्थिति भारत और रूस दोनों के लिए सामान्य चिंता का विषय है। राजदूत ने आतंकवाद के पुनरुत्थान पर भी चिंता व्यक्त की।

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तालिबान ने पंजशीर प्रांत पर भी कब्जा कर लिए है और अब उम्मीद जताई जा रही हैं कि देश में नई सरकार की घोषणा जल्द ही हो सकती है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बुधवार को नई सरकार को स्थापित किया जा सकता है। इस संबंध में तालिबान ने छह देशों को न्योता भी भेज दिया है, जिसमें रूस, चीन, पाकिस्तान, तुर्की, ईरान और कतर जैसे देश शामिल हैं।

भारत में रूसी राजदूत निकोले कुदाशेव ने कहा कि अफगानिस्तान में हम दोनों देशों (भारत और रूस) को सुरक्षा, पूर्वानुमेयता और समावेशी सरकार की जरूरत है, जो अफगान लोगों की जरूरतों को पूरा करे। अफगानिस्तान में चल रहे हालात पर राजदूत ने कहा कि अफगानिस्तान और देश के लोगों को आत्मनिरीक्षण के लिए समय चाहिए।

रूसी राजदूत ने आतंकवाद के पुनरुत्थान पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि क्या हम आतंकवाद के पुनरुत्थान के वादे से चिंतित हैं? हाँ, हम भी वैसे ही चिंतित हैं जैसे भारत हैं। हम आतंकवाद पर क्या कर सकते हैं? हम इस खतरे का सामना कर सकते हैं और अफगानिस्तान और उसके आसपास की स्थिति को रोकने के लिए प्रयास कर सकते हैं।

जैसे ही अफगानिस्तान पर तालिबान काबिज हो गया, अब यह ​डर बढ़ गया है कि अफगानिस्तान इस्लामी आतंकवाद का केंद्र बन सकता है। भारत ने यह भी चिंता व्यक्त की है कि तालिबान शासन के तहत अफगानिस्तान क्षेत्र का उपयोग भारत विरोधी गतिविधि के लिए किया जा सकता है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मांग की है कि अफगान क्षेत्र का इस्तेमाल किसी देश को धमकाने या हमला करने या आतंकवादियों को शरण देने या प्रशिक्षित करने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।


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