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अफगानिस्तान का असर जम्मू-कश्मीर में देखने को मिल सकता है, निगरानी बहुत महत्वपूर्ण : CDS जनरल रावत

चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि अफगानिस्तान में जो हो रहा है उसका असर जम्मू-कश्मीर में भी देखने को मिल सकता है। हम इस चीच को जानते हैं। हमें इसकी तैयारी करनी होगी। अपनी सीमाओं को सील करना होगा। निगरानी बहुत महत्वपूर्ण हो गई है।

By TaniskEdited By: Published: Sat, 23 Oct 2021 08:18 PM (IST)Updated: Sat, 23 Oct 2021 08:18 PM (IST)
अफगानिस्तान का असर जम्मू-कश्मीर में देखने को मिल सकता है, निगरानी बहुत महत्वपूर्ण : CDS जनरल रावत
चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत।

गुवाहाटी, एएनआइ। अफगानिस्तान में जो हो रहा है उसका असर जम्मू-कश्मीर में भी देखने को मिल सकता है। हम इस चीच को जानते हैं। हमें इसकी तैयारी करनी होगी। अपनी सीमाओं को सील करना होगा। निगरानी बहुत महत्वपूर्ण हो गई है। बाहर से कौन आ रहा है, इस पर नजर रखनी होगी। चेकिंग होनी चाहिए। यह बात चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) ने गुवाहाटी में कही है। उन्होंने यह बात ऐसे समय में बोली है जब जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं में वृद्धि देखने को मिली। वहीं अफगानिस्तान पर गत 15 अगस्त को तालिबान ने कब्जा कर लिया था और देश संकट के दौर से गुजर रहा है। हाल के दिनों में यहां काफी आंतकी घटनाएं हुई हैं। 

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म्यांमार को लेकर सीडीएस जनरल रावत ने कहा कि म्यांमार में जो हो रहा है, उसके कारण हमारे व्यापार संबंध प्रभावित हो सकते हैं। वहां एक तरह का गृहयुद्ध हो रहा है। नहीं तो हमारे उनके साथ अच्छे संबंध हैं। वे हम पर भरोसा करते हैं। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं, म्यांमार चीन की ओर नहीं जाना चाहता।

इससे पहले पहला रविकांत सिंह मेमोरियल लेक्चर देते हुए सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने शनिवार को कहा कि वैश्विक शक्ति के लिए चीन की महत्वाकांक्षाओं के कारण दक्षिण एशिया की स्थिरता को 'सर्वव्यापी खतरा' है। उन्होंने कहा कि चीन एक उभरती हुई वैश्विक शक्ति के रूप में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए दक्षिण एशिया और हिंद महासागर क्षेत्र में 'विशाल' पैठ बना रहा है। उस का म्यांमार और पाकिस्तान के साथ व्यवहार और बांग्लादेश में प्रवेश भी भारत के हित में नहीं है।

सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने इस दौरान कहा कि म्यांमार और पाकिस्तान चीन से सैन्य हार्डवेयर के सबसे बड़े प्राप्तकर्ता हैं। उन्हें चीन से वैश्विक मंचों पर समर्थन मिलता है। उन्होंने भारत-पाक संबंधों पर कहा कि पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद के साथ-साथ गैर-सरकारी तत्व भारत और पाकिस्तान के बीच शांति प्रक्रिया में एक बाधा है। पाकिस्तान के साथ चीन की साझेदारी और जम्मू-कश्मीर पर उसके रुख को भारत विरोधी सांठगांठ के रूप में वर्णित किया जा सकता है।


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