स्वच्छ शहर इंदौर की झुग्गी बस्तियों से लेकर डॉक्टरों के घरों तक मिला एडीज मच्छरों का लार्वा
इंदौर शहर में डेंगू प्रभावित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। झुग्गी बस्तियों से लेकर डॉक्टरों के घरों तक एडीज मच्छरों का लार्वा मिला।
इंदौर (नईदुनिया)। शहर में डेंगू प्रभावित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मुट्ठीभर कर्मचारियों के साथ किसी तरह व्यवस्था संभालने में जुटा मलेरिया विभाग मैदान में कम और कागजों पर ज्यादा सतर्कता बरत रहा है। सोमवार को शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में लार्वा की जांच करने वाली टीम पहुंची। 23 टीमों ने शहर में लगभग 1300 घरों की जांच की। इस दौरान झुग्गी बस्तियों से लेकर डॉक्टरों के घरों तक एडीज मच्छरों का लार्वा मिला।
एयरपोर्ट क्षेत्र में एक डॉक्टर के घर कूलर व छत पर रखी पानी की टंकी में लार्वा पाए गए। वहीं खजराना क्षेत्र में इंजीनियर के घर भी छत पर रखे एक बर्तन में लार्वा पाए गए। उधर मूसाखेड़ी में एक कबाड़ी की दुकान के बाहर पड़े सामान में भी लार्वा मिला। सामान में बारिश का पानी भरा हुआ था। शहर में जनवरी से 12 अगस्त तक डेंगू के 78 मरीज मिले हैं। सोमवार को तीन नए मरीज मिले। इनमें से सिर्फ जुलाई व अगस्त के डेढ़ माह में ही 62 मरीज मिले थे।
पिछले दो दिन में तीन से चार संभावित मरीजों की जांच के लिए भी सेंपल मेडिकल कॉलेज की लैब भेजे गए हैं। इनकी जांच रिपोर्ट आना बाकी है। शहर में 46 कर्मचारियों की 23 टीमें बनाई गई हैं, जो अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर लार्वा जांच अभियान चला रही है। टीम मरीज मिलने वाली जगह व उसके आसपास के क्षेत्र को प्राथमिकता देती है। इसके बाद अन्य क्षेत्रों में जाती है। सोमवार को भी टीम ने एयरपोर्ट क्षेत्र, खजराना, मूसाखेड़ी सहित अन्य क्षेत्रों में जांच की। सोमवार को मिले तीन मरीजों में से चंदन में 17 वर्षीय नाबालिग, आराधना नगर में 35 वर्षीय युवक और मूसाखेड़ी में 7 साल का बच्चा है।
तालाब व निर्माणाधीन मकानों की जांच नहीं : शहर में जांच अभियान तो चलाया जा रहा है लेकिन अब भी मल्टी स्टोरी बिल्डिंगों तक टीम की पूरी पहुंच नहीं हो पाई है। इसके अलावा शहर के नालों के आसपास व पुलियाओं के नीचे भी पानी जमा रहता है, जहां दवा या जला हुआ तेल छिड़काव किया जाना चाहिए।
सावधानी बरतें : डॉ एचएन नायक, सीएमएचओ इंदौर के मुताबिक लोगों को घर में जमा साफ पानी को हर दो-तीन दिन में बदलना जरूरी है, क्योंकि डेंगू फैलाने वाला एडीस मच्छर का लार्वा साफ पानी में ही पनपता है। गमले, कूलर व अन्य जगह पर पानी जमा न होने दें। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए हमने आवश्यक बैठक भी बुलाई थी। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार शहर में आठ स्थानों पर सबसे ज्यादा डेंगू मरीज मिले हैं। अभियान को और तेज किया जाएगा।
केस-1 : एयरपोर्ट रोड की कॉलोनी में डेंगू का मरीज मिलने पर टीम वहां दो दिन पहले पहुंची। यहां फ्रिज के पीछे लगी ट्रे में मच्छर के लार्वा मिले। टीम ने उसे आसपास के लोगों को दिखाया व ट्रे का पानी भी हफ्ते में एक दिन बदलने की समझाइश दी।
केस-2 : एयरपोर्ट रोड पर बीएसएफ एरिया में एक मरीज मिलने के बाद टीम वहां भी पहुंची। यहां पानी की टंकियों में लार्वा मिला। जिसे जवानों को दिखाने व अन्य जगह इसकी पहचान करने का तरीका बताकर इसे नष्ट किया गया।
केस-3 : मूसाखेड़ी क्षेत्र में एक जगह जानवरों को पानी पिलाने वाले हौज में मच्छरों के लार्वा पाए गए। इस क्षेत्र में लगभग 300 घरों की जांच की गई। यहां कूलर, घर की छत पर रखे वेस्ट सामान, टंकियों में कई हफ्ते से जमा पानी को खाली कराया गया।
इस तरह पहचानें डेंगू के लक्षण
- अचानक तेज सिर दर्द व बुखार
- मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द, आंख दर्द, जो बढ़ता रहे
- जी मिचलाना और उल्टी होना
- गंभीर हालत होने पर नाक, मुंह, मसूढ़े से खून आना
इस तरह करें बचाव
- घर के आसपास पानी जमा न होने दें
- पानी के बर्तन या टंकियां ढककर रखें, कूलर व अनुपयोगी टंकियां खाली करें
- पानी को एक सप्ताह से अधिक स्टोर न रहने दें
- डेंगू के मच्छर अधिकतर दिन में काटते हैं, इनसे बचाव करें
- रात को मच्छरदानी लगाकर सोएं