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तीस हजारी कोर्ट में हुई हिंसक झड़प के बाद पूरे देश में वकील हुए एकजुट, किया विरोध

दिल्ली के तीसहजारी कोर्ट में हुई झड़प के बाद आज पूरे देश में कोर्ट के वकीलों ने समर्थन दिया। विरोध प्रदर्शन भी किया।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Mon, 04 Nov 2019 05:59 PM (IST)Updated: Mon, 04 Nov 2019 05:59 PM (IST)
तीस हजारी कोर्ट में हुई हिंसक झड़प के बाद पूरे देश में वकील हुए एकजुट, किया विरोध
तीस हजारी कोर्ट में हुई हिंसक झड़प के बाद पूरे देश में वकील हुए एकजुट, किया विरोध

नई दिल्ली, जेएनए। दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में पुलिस और वकीलों के बीच हुई हिंसक झड़प पर पूरे देश में वकीलों ने विरोध प्रदर्शन किया है। विरोध दर्ज कराते हुए सोमवार को दिल्ली की कोर्टों में वकीलों ने काम बंद रखा। बार एसोसिएशन के पदाधिकारी इस मामले में दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। सोमवार को तीस हजारी कोर्ट, पटियाला हाउस और राऊज एवेन्यू कोर्ट में कामकाज प्रभावित रहा। यहां पर भी वकीलों ने हड़ताल की और अपना विरोध दर्ज कराया।

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दिल्ली

तीस हजारी कोर्ट में शनिवार को हुई हिंसक झड़प के बाद दिल्ली के सभी वकील एकजुट हुए। घटना के विरोध में सोमवार को साकेत कोर्ट के वकीलों ने कामकाज ठप रखा है। मुख्य द्वार पर से वकीलों ने किसी मुवक्किल को अंदर नहीं जाने दिया है। बार एसोसिएशन ने दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त करवाई की मांग की है। वहीं तीस हजारी कोर्ट, पटियाला हाउस और राऊज एवेन्यू कोर्ट में कामकाज प्रभावित है। यहां पर भी काम करने वाले सभी वकीलों ने हड़ताल की। सुप्रीम कोर्ट के वकील भी पुलिस के खिलाफ सड़कों पर उतर गए हैं।

सोमवार को वकीलों ने प्रदर्शन किया और गंभीर रुप से घायल वकील को दस लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की मांग की। दिल्ली हाई कोर्ट की मुख्य पीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान बार काउंसल ऑफ इंडिया, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन, बार काउंसिल ऑफ दिल्ली और दिल्ली हाई कोर्ट बार ऐसोसिएशन के पदाधिकारियों समेत अधिवक्ताओं ने पीड़ित अधिवक्ताओं का पक्ष रखा। बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्र ने कहा कि यह सीधे तौर पर हत्या का प्रयास और आर्म्स एक्ट का मामला है। घटना में शामिल आरोपितों को निलंबित किया जाना चाहिए व पीड़ित अधिवक्ताओं को उचित मुआवजा भी दिया जाए। दिल्ली हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अमरजीत सिंह ने कहा कि दिल्ली पुलिस को सभी अदालत परिसर से हटाकर अदालत परिसर की सुरक्षा व्यवस्था किसी अन्य एजेंसी को दे दी चाहिए।

लखनऊ

कोर्ट परिसर में पुलिस द्वारा अधिवक्ताओं पर बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज और गोली चलाने की घटना से नाराज लखनऊ के अधिवक्ताओं ने भी कार्य बहिस्कार कर दिया और पहले तहसील परिसर में धरना प्रदर्शन किया फिर राष्ट्रीय राजमार्ग सीतापुर रोड पर पहुंचकर रोड जाम कर धरना प्रदर्शन किया। इन अधिवक्ताओं ने सीतापुर हाईवे पर जाम भी लगाया। राजधानी के बख्शी का तालाब तहसील के बार एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र बहादुर सिंह, महामंत्री लालबहादुर यादव के नेतृत्‍व में अधिवक्ताओं ने पहले तहसील परिसर में धरना प्रदर्शन किया। उसके बाद तहसील परिसर से सीतापुर रोड के लिए कूच किया, इस दौरान इन अधिवक्ताओं से न तो कोई अधिकारी रोकने पहुंचा और न ही ज्ञापन लेने। इससे नाराज अधिवक्ताओं ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरना प्रदर्शन किया। बार के पूर्व अध्यक्ष लालता प्रसाद शुक्ला व अधिवक्ता आशीष कुमार सिंह ने तीस हजारी कोर्ट परिसर में हुई घटना की निंदा करते हुए दोषी पुलिस कर्मियों को बर्खास्त करने की मांग की।

पंजाब

पंजाब के बरनाला में तीस हजारी कोर्ट में पार्किंग को लेकर हुए विवाद में दिल्ली पुलिस - एडवोकेट के बीच हुए विवाद के विरोध में जिला बरनाला की बार एसोसिएशन ने सोमवार को हड़ताल रख कामकाज ठप रखा। बार एसोसिएशन के प्रधान एडवोकेट गुरविदर सिंह गिदी ने बताया कि जब कानून की रक्षा करने वाले ही कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं, तो वहीं आम लोगों को इंसाफ कैसे मिलेगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली में पुलिस ने एडवोकेट से बुरा व्यवहार कर उन पर लाठीचार्ज किया है, वह बहुत ही निंदनीय है।

जिला बार एसोसिएशन जालंधर ने भी दिल्ली के अधिवक्ताओं के समर्थन में उतर आई है। सोमवार को यहां अधिवक्ताओं ने कथित रूप से दिल्ली पुलिस की ओर से तीस हजारी कोर्ट में वकीलों पर किए गए हमले और फायरिंग के विरोध में विधिक कामकाज करने से मना कर दिया। इस मौके पर प्रदर्शन करते हुए अधिवक्ताओं ने कहा कि सरकार को दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके जल्द से जल्द उचित कार्रवाई करनी चाहिए।

झारखंड

रांची में भी तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़प का असर देखने को मिला। बार काउंसिल ऑफ इंडिया के निर्देशानुसार सोमवार को रांची में झारखंड हाई कोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन ने आपात बैठक बुलाई। इसमें दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में पुलिस और वकीलों के बीच हुई हिंसक झड़प की घटना का विरोध किया गया और इसकी कड़ी निंदा की गई। बैठक में आज न्यायिक कार्यों से अलग रहने का निर्णय लिया गया। वकीलों ने एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग की। कहा कि यदि यह कानून लागू होता तो यह घटना नहीं होती। बैठक में आरोपित पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की गई।

हिमाचल प्रदेश

धर्मशाला में भी दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट के बाहर पार्किंग को लेकर पुलिस और एडवोकेट के बीच हुए विवाद के बाद बिगड़ी स्थिति के विरोध में प्रदेश में जिलास्‍तर पर वकीलों ने एक दिन काम का बहिष्कार किया। जिस कारण हमीरपुर जिला न्यायिक परिसर में भी सभी वकीलों ने अपना काम काज ठप रखा। धर्मशाला में भी वकीलों ने मामलों की पैरवी से लेकर अन्य कामों से दिनभर किनारा रखा है। हिप्र बार काउंसिल मेंबर रोहित शर्मा ने दिल्ली में हुई घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि वकीलों के ऊपर किया गया हमला लोकतंत्र पर हमला है। 


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