सीजेआइ के खिलाफ साजिश का आरोप लगाने वाले वकील को सुप्रीम कोर्ट में पेश होने का आदेश
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई पर अमर्यादित आचरण का आरोप लगाने के पीछे बड़ी साजिश का दावा करने वाले वकील उत्सव बेंस को सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पेश होने का निर्देश दिया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई पर अमर्यादित आचरण का आरोप लगाने के पीछे बड़ी साजिश का दावा करने वाले वकील उत्सव बेंस को सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पेश होकर अपने दावे के समर्थन में सामग्री पेश करने का निर्देश दिया है। बेंस ने गत सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर आरोप लगाया था कि मुख्य न्यायाधीश पर आरोप लगाने के पीछे बड़ी साजिश है, ताकि वे पद से इस्तीफा दे दें।
मंगलवार को न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, रोहिंग्टन फली नारिमन और दीपक गुप्ता की पीठ ने मंगलवार को महत्वपूर्ण सार्वजनिक महत्व और न्यायपालिका की स्वतंत्रता से संबंधित स्वत: संज्ञान लेकर शुरू की गई सुनवाई के दौरान उपरोक्त आदेश जारी किये। बेंस ने इसी मामले में हलफनामा दाखिल किया है।
सुनवाई के दौरान कोर्ट में बेंस के लिए आवाज लगाई गई लेकिन वे मौजूद नहीं थे इसके बाद कोर्ट ने उनकी पेशी के लिए उन्हें नोटिस जारी किया। कोर्ट ने इसके अलावा उत्सव बेंस के हलफनामे में सुरक्षा को लेकर जताई गई आशंका को देखते हुए दिल्ली पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया है कि वह वकील बेंस को उचित सुरक्षा मुहैया कराए और उनका बुधवार को कोर्ट में पेश होना सुनिश्चित करें। कोर्ट मामले पर बुधवार को फिर सुनवाई करेगा।
बेंस ने हलफनामे में कहा है कि पहले इस मामले में मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ आरोप लगाने वाली सुप्रीम कोर्ट की पूर्व कर्मचारी की तरफ से मुकदमा लड़ने का उन्हें प्रस्ताव दिया गया था। इतना ही नहीं, अजय नामक व्यक्ति ने उनसे इस बारे में प्रेस कान्फ्रेंस कर आरोपों को सार्वजनिक करने का भी प्रस्ताव दिया गया था। बेंस का कहना है कि वह पहले भी यौन उत्पीड़न की शिकार पीड़िताओं की ओर से मुफ्त मुकदमा लड़ते रहे हैं। अजय ने उनके इस काम के लिए उनकी तारीफ भी की थी।
बेंस ने कहा है कि जब उन्होंने पूरा मामला सुना तो उन्हें उसमें बहुत सी तथ्यपरक खामियां नजर आयीं। उन्होंने अजय से पीड़िता से मिलवाने की बात कही ताकि पूरी बात पता चल सके लेकिन उस व्यक्ति ने उन्हें न तो पीड़िता से मिलवाया और न ही प्रश्नों का संतोषजनक जवाब दिया। बेंस का कहना है कि इसके बाद उस व्यक्ति ने उन्हें 50 लाख रिश्वत की पेशकश की लेकिन उन्होंने रिश्वत से साफ मना कर दिया। उस व्यक्ति ने उन्हें 1.5 करोड़ का प्रस्ताव दिया, जिसके बाद उन्होंने उस व्यक्ति को दफ्तर से निकल जाने का आदेश दिया।
बेंस ने हलफनामे मे कहा है कि बाद में उसने आरोपों की जांच के लिए काफी लोगों से संपर्क किया। तब उन्हें विश्वस्तसूत्र ने नाम न खुलासा किये जाने की शर्त पर बताया कि इस सारी साजिश के पीछे फिक्सर (दलाल) हैं जोकि गैरकानूनी ढंग से पैसे लेकर फैसले का इंतजाम करने के काम में शामिल हैं। लेकिन जस्टिस गोगोई के सीजेआइ बनने के बाद ये सब काम बंद हो गया। इसीलिए सीजेआइ को फंसाने की साजिश हुई।
इस गैरकानूनी काम के सरगना का नाम दिया है। बेंस ने हलफनामे मे काफी ब्योरा दिया और कहा है कि कुछ जानकारियां ऐसी हैं जिन्हें अगर कोर्ट मांगेगा तो वे सील बंद लिफाफे में मुहैया करा सकते हैं। बेंस ने पूरे मामले की स्वतंत्र न्यायिक जांच की जरूरत पर बल दिया है।कोर्ट ने इस हलफनामे को संज्ञान मे लेते हुए बेंस को नोटिस जारी किया और दावे के समर्थन की गोपनीय सामग्री कोर्ट में पेश करने को कहा है।
सीजेआइ के बचाव में कुछ संस्थाएं आईं आगे
मुख्य न्यायाधीश पर लगे आरोपों मे उनके बचाव में बुधवार को कुछ संस्थाएँ आगे आयीं। यूनाइटेड ह्यूमन राइट्स फाउंडेशन सोसाइटी ने मुख्य न्यायाधीश पर लगाए गए अनर्गल आरोपों की निंदा की और कहा कि न्यायाधीश निष्पक्ष और निडर होकर फैसले देते हैं कई बार फैसलों से असंतुष्ट लोग इस तरह की नकारात्मक कहानी गढ़ते हैं। इसी तरह अखिल भारतीय लोधी अधिवक्ता संघ ने भी सीजेआई पर लगाए गए आरोपों को झूठा करार देते हुए निंदा की है। संघ ने कहा है कि वह आरोप अविश्वसनीय है और न्यायपालिका की छवि खराब करने की कोशिश है।