आडवाणी ने कहा-कश्मीर में भी सेना भेजना नहीं चाहते थे नेहरू
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सरदार वल्लभभाई पटेल की विरासत के लिए मची होड़ में जवाहर लाल नेहरू के साथ उनके मतभेदों का विवाद अब और फैलने लगा है। कांग्रेस की ओर से जहां इसे तथ्यहीन बताकर थामने की कोशिश हो रही है। वहीं भाजपा इतिहास के पन्नों के सहारे इसे स्थापित करने में जुट गई है। लालकृष्ण आडवाणी ने फिर से एक ब्लॉग में दावा किय
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। सरदार वल्लभभाई पटेल की विरासत के लिए मची होड़ में जवाहर लाल नेहरू के साथ उनके मतभेदों का विवाद अब और फैलने लगा है। कांग्रेस की ओर से जहां इसे तथ्यहीन बताकर थामने की कोशिश हो रही है। वहीं भाजपा इतिहास के पन्नों के सहारे इसे स्थापित करने में जुट गई है। लालकृष्ण आडवाणी ने फिर से एक ब्लॉग में दावा किया कि जम्मू-कश्मीर को बचाने के लिए सेना भेजने पर भी पटेल ने दबाव बनाकर नेहरू को राजी किया था।
दो दिन पहले आडवाणी ने पूर्व आइएएस अधिकारी एमकेके नायर की पुस्तक के हवाले से कहा था कि नेहरू ने पटेल को सांप्रदायिक करार दिया था। गुरुवार को सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने आडवाणी के इतिहास ज्ञान पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिस वक्त की जानकारी दी जा रही है उस वक्त नायर आइएएस नहीं चुने गए थे। फिर उनकी जानकारी आधिकारिक कैसे हो सकती है। परोक्ष रूप से मोदी पर निशाना साधते हुए मनीष से आडवाणी को सलाह दी कि वह इतिहास दुरुस्त करने के बाद ही बोलें।
आडवाणी का पलटवार और तेज हुआ। उन्होंने फिर से एक ब्लॉग में जनरल मानेकशॉ के एक साक्षात्कार के हवाले से कहा कि नेहरू की चलती तो जम्मू-कश्मीर भारत के पास नहीं होता। दरअसल हैदराबाद की तरह ही नेहरू कश्मीर की तरफ बढ़ रही पाकिस्तानी सेना को रोकने के लिए भारतीय सैनिक भेजने को तैयार नहीं थे। मानेकशॉ का हवाला देते हुए आडवाणी ने कहा- 'नेहरू हमेशा की तरह संयुक्त राष्ट्र, रूस, अफ्रीका, सर्वशक्तिमान भगवान की बात करते रहे, तो पटेल भड़क उठे। उन्होंने नेहरू से पूछा कि क्या वह कश्मीर को भारत में चाहते हैं। नेहरू ने कहा हां और फिर पटेल ने मुड़कर मुझे मार्च करने का आदेश दे दिया।' आडवाणी ने कहा कि इससे साबित होता है कि हैदराबाद के मुद्दे पर भी दोनों नेताओं में मतभेद थे।
नए ब्लॉग पर तो कांग्रेस नेताओं ने कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन पटेल को सांप्रदायिक करार दिए जाने की बात को बेबुनियाद करार दिया। दरअसल पटेल को लेकर छिड़ी राजनीतिक जंग में भाजपा पूरी विरासत अपने नाम चाहती है। मोदी ने जहां गुजरात में पटेल की सबसे ऊंची प्रतिमा बनाना शुरू कर दिया है, वहीं देश की मौजूदा परिस्थितियों का ठीकरा कांग्रेस के सिर भी फोड़ने की कोशिश है।
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