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समापन भाषण में आडवाणी ने किया मोदी का गुणगान

भाजपा के नए सांसदों की पाठशाला में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उद्बोधन के बाद दूसरे दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी अपना अध्यापक भेजा। संघ के सह सरकार्यवाह सुरेश सोनी ने जहां नए सांसदों को राष्ट्रवादी भावना से ओत-प्रोत भाषण दिया, वहीं मोदी सरकार बनने की तुलना स्वतंत्रता दिवस से कर डाली।

By Edited By: Published: Sun, 29 Jun 2014 05:24 PM (IST)Updated: Mon, 30 Jun 2014 07:09 AM (IST)
समापन भाषण में आडवाणी ने किया मोदी का गुणगान

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। भाजपा के नए सांसदों की पाठशाला में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उद्बोधन के बाद दूसरे दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी अपना अध्यापक भेजा। संघ के सह सरकार्यवाह सुरेश सोनी ने जहां नए सांसदों को राष्ट्रवादी भावना से ओत-प्रोत भाषण दिया, वहीं मोदी सरकार बनने की तुलना स्वतंत्रता दिवस से कर डाली। समापन भाषण में भाजपा के मार्गदर्शक की भूमिका में आ चुके वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी ने मोदी का गुणगान किया।

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सूरजकुंड में दो दिन चली भाजपा सांसदों की पाठशाला में संघ पदाधिकारी सुरेश सोनी का पहुंचना सबसे उल्लेखनीय था। कार्यशाला में प्रकाश जावडे़कर, पीयूष गोयल ने भी सांसदों को संबोधित किया। लेकिन, अतिथि अध्यापक के तौर पर पहुंचे सोनी को देखकर सब हैरान रह गए। मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले में आरोपों के चलते इन दिनों चर्चा में चल रहे सोनी ने 16 मई को भाजपा की जीत की तुलना 16 अगस्त 1947 से की, जब अंग्रेज भारत छोड़ चले गए थे और देश की बागडोर यहां की जनता के हाथों में आ गई थी। इस दौरान उन्होंने सांसदों को आरएसएस की विचारधारा का पाठ पढ़ाया। सोनी ने कहा कि विचारधारा हमारी आत्मा है और किसी भी सूरत में हम इससे नहीं हटेंगे। उन्होंने सभी सांसदों से कहा कि वह जनता की उम्मीदों पर खरा उतरें।

समापन भाषण में आडवाणी ने लोकसभा चुनाव में मोदी के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने ऐसा कोई खिलाड़ी नहीं देखा जिसने अपने पहले ही मैच में तिहरा शतक जमा दिया हो। उनका इशारा लोकसभा चुनाव में राजग को मिली 300 से अधिक सीटों की ओर था। उन्होंने कहा, '2004 का चुनाव हारने के बाद मैं हमेशा भाजपा के दोबारा सत्ता में आने का सपना देखा करता था। नरेंद्र मोदी ने उस सपने को सच कर दिखाया है। मैं इसके लिए भी उन्हें बधाई देता हूं।' आडवाणी ने कहा, 'जैसा कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि सरकार को खासतौर पर आर्थिक मोर्चे पर कुछ सख्त फैसले करने होंगे। हमें जनता को यह बताना होगा कि ऐसे निर्णय क्यों जरूरी हैं और वे कैसे देश तथा आम जनता को दीर्घकालिक लाभ पहुंचाएंगे।'

उन्होंने कहा, 'कृपया इस बात को याद रखिए कि सरकार का चेहरा और आवाज केवल प्रधानमंत्री और उनके मंत्रिपरिषद के सदस्य नहीं होते। हममें से हरेक सरकार का प्रतिनिधित्व करता है क्योंकि अब हम सत्ताधारी दल के सांसद हैं।' आडवाणी ने कहा कि ऐसे में हमें किसी भी तरह के कदाचार और विवाद से दूर रहना चाहिए। जितना भी हम इसमें सफल होंगे, उतना ही प्रधानमंत्री और उनकी सरकार को मजबूत करेंगे। उन्होंने कहा, 'मैं चाहता हूं कि आपमें से हरेक 2019 में भी सांसद चुनकर आये और इसके लिए जरूरी है कि आप लोग पार्टी संगठन और अपने पूरे समर्थन आधार से मजबूत रिश्ता बनाये रखें।'

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