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अडवाणी जोशी ने कहा वो नहीं चढ़ सकते चार मंजिल सीढ़ियां

आडवाणी और जोशी की ओर से वरिष्ठ वकील केके वेणुगोपाल ने लिखित दलीलें दी हैं। के वो इस उम्र में चार मंजिल सीढ़िया चलने में असमर्थ है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Tue, 11 Apr 2017 11:05 PM (IST)Updated: Wed, 12 Apr 2017 02:10 AM (IST)
अडवाणी जोशी ने कहा वो नहीं चढ़ सकते चार मंजिल सीढ़ियां
अडवाणी जोशी ने कहा वो नहीं चढ़ सकते चार मंजिल सीढ़ियां

माला दीक्षित, नई दिल्ली। अयोध्या में विवादित ढांचा ढहने के मामले में रायबरेली की अदालत में मुकदमें का सामना कर रहे भाजपा के वयोवृद्ध नेता लाल आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी ने उम्र की दुहाई देते हुए लखनऊ अदालत की चार मंजिल सीढियां चढ़ने में असमर्थता जताई है और मुकदमा रायबरेली से लखनऊ स्थानांतरित करने का विरोध किया है। दोनों नेताओं ने मुकदमा ट्रांसफर कर लखनऊ में कारसेवकों के साथ साझा ट्रायल चलाने का विरोध किया है।

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सीबीआइ ने सुप्रीमकोर्ट में याचिका दाखिल कर इन नेताओं सहित भाजपा, वीएचपी और शिवसेना के 21 लोगों पर आपराधिक साजिश का मुकदमा चलाने की मांग की है। इस मुद्दे पर सुप्रीमकोर्ट ने सभी पक्षों की बहस सुन कर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने पक्षकारों को मंगलवार तक लिखित दलीलें दाखिल करने की छूट दी थी। बहस के दौरान कोर्ट नेरोजाना सुनवाई कर 2 साल में निपटारा होना चाहिए। मंगलवार को लिखित दलीलें दाखिल कर सीबीआई की याचिका का विरोध किया गया है।

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आडवाणी और जोशी की ओर से वरिष्ठ वकील केके वेणुगोपाल ने लिखित दलीलें दी हैं। जिसमे मुकदमें को रायबरेली में ही चलाने पर जोर देते हुए कहा है कि आडवाणी 89 वर्ष के हैं और जोशी 83 वर्ष के ये दोनों अदालत की चार मंजिल सीढि़यां चढ़ने में असमर्थ हैं। अयोध्या मामले की सुनवाई कर रही लखनऊ की विशेष अदालत चौथी मंजिल पर है और वहां लिफ्ट नहीं है। अगर अब उनका मुकदमा लखनऊ में चलाया जाता है तो उनके लिए अकथनीय प्रताड़ना होगी।

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मुकदमें को लखनऊ स्थानांतरित कर कारसेवकों के साथ साझा ट्रायल चलाने का विरोध करते हुए कहा है कि असलम भूरे मामले में सुप्रीमकोर्ट की तीन न्यायाधीशों की पीठ 8 नेताओं के मुकदमें को रायबरेली में ही चलाने का फैसला सुना चुकी है। वो फैसला अब अंतिम हो चुका है जो कि न सिर्फ पक्षकारों पर बाध्यकारी है बल्कि सुप्रीमकोर्ट पर भी बाध्यकारी है। सुप्रीमकोर्ट अनुच्छेद 142 की शक्तियों का इस्तेमाल करके भी उस फैसले को नजरअंदाज कर मुकदमा नहीं ट्रांसफर कर सकता। ये भी कहा है कि अगर मुकदमा ट्रांसफर होकर साझा ट्रायल चला तो 2 वर्ष में मुकदमा निपटना मुश्किल होगा इसमें पांच वर्ष समय लग जाएगा।

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रायबरेली में इन पर चल रहा है मुकदमा

1- एलके आडवाणी

2- एमएम जोशी

3- विष्णु हरि डालमिया

4- विनय कटियार

5- उमा भारती

6 साध्वी ऋतंबरा


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