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चक्रवात से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों लिए बनाया गया है अर्ली साइक्लोन वार्निंग सिस्टम : जितेंंद्र सिंह

शुक्रवार को लोकसभा में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पश्चिमी तट के साथ पांच राज्यों (गुजरात महाराष्ट्र गोवा कर्नाटक और केरल) केंद्र शासित प्रदेशों (दमन दीव दादरा और नगर हवेली) के लिए एक उन्नत चक्रवात पूर्व चेतावनी प्रणाली है।

By Neel RajputEdited By: Published: Fri, 30 Jul 2021 05:35 PM (IST)Updated: Fri, 30 Jul 2021 05:35 PM (IST)
चक्रवात से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों लिए बनाया गया है अर्ली साइक्लोन वार्निंग सिस्टम : जितेंंद्र सिंह
कहा, टाक्टे और यास तूफानों से सबसे ज्यादा यही पांच राज्य हुए प्रभावित

नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि पश्चिमी तट के साथ पांच राज्यों (गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक और केरल), केंद्र शासित प्रदेशों (दमन, दीव, दादरा और नगर हवेली) के लिए एक उन्नत चक्रवात पूर्व चेतावनी प्रणाली (cyclone early warning system) बनाई गई है। उष्ण कटिबंधीय हिन्द महासागर में समुद्री पानी में गर्मी (Ocean Warming) की तेजी से वृद्धि देखी गई है और सबसे ज्यादा वार्मिंग अरब सागर में देखने को मिली है। इसी वजह से हाल ही में चक्रवात की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। पिछले कुछ महीनों में टाक्टे और यास जैसे तूफानों ने गुजरात, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, केरल, कर्नाटक और कुछ केंद्रशासित प्रदेशों समेत देश के कई हिस्सों में तबाही मचाई थी। यह देखा गया है कि हाल के दिनो में उठने वाले समुद्री तूफानों का केंद्र अरब सागर रहा है।

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शुक्रवार को लोकसभा में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पश्चिमी तट के साथ पांच राज्यों (गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक और केरल), केंद्र शासित प्रदेशों (दमन, दीव, दादरा और नगर हवेली) के लिए एक उन्नत चक्रवात पूर्व चेतावनी प्रणाली है। जो पूर्वी और पश्चिमी तटों को कवर करने वाले सात चक्रवात चेतावनी केंद्रों के माध्यम से प्राप्त किया गया है। तीन क्षेत्र चक्रवात चेतावनी केंद्र (एसीडब्ल्यूसी) चेन्नई, मुंबई और कोलकाता में स्थित हैं और चार चक्रवात चेतावनी केंद्र (सीडब्ल्यूसी) तिरुवनंतपुरम, विशाखापत्तनम, अहमदाबाद और भुवनेश्वर में हैं। संबंधित क्षेत्र के लिए परिचालन तूफान चेतावनी कार्य की जिम्मेदारी एसीडब्ल्यूसी और सीडब्ल्यूसी के पास है। उन्होंने यह भी बताया कि इसके अलावा पांच पश्चिमी तटीय राज्यों (गोवा, गुजरात, कर्नाटक, केरल और महाराष्ट्र) में साइक्लोन रिस्क मिटीगेशन इंफ्रास्ट्रक्चर भी तैयार किया जा रहा है।

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