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प्रशासन ने नहीं सुनी तो ग्रामीणों ने श्रमदान कर बना लिया जुगाड़ का पुल

ग्रामीणों ने कहा कि अब बच्चों को स्कूल तैरकर नहीं पार करना पड़ेगा।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 21 Jul 2018 10:04 PM (IST)Updated: Sat, 21 Jul 2018 10:04 PM (IST)
प्रशासन ने नहीं सुनी तो ग्रामीणों ने श्रमदान कर बना लिया जुगाड़ का पुल
प्रशासन ने नहीं सुनी तो ग्रामीणों ने श्रमदान कर बना लिया जुगाड़ का पुल
नई दुनिया, कांकेर। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के एक गांव के ग्रामीणों ने सरकार को आइना दिखाया है। लंबे समय से पुल की मांग पूरी न होने पर कोयलीबेड़ा ब्लॉक के जिरामतराई के ग्रामीणों ने दो दिन श्रमदान कर जुगाड़ का पुल तैयार कर लिया। इससे करीब 25 गांवों के लोगों को आने-जाने में अब परेशानी नहीं होगी।

जिला मुख्यालय से 120 किमी दूर अतिसंवेदनशील इलाका कोयलीबेड़ा काफी पिछड़ा कहलाता है। जिमतराई के ग्रामीणों दलसिंह, मनेश और सुखराम ने बताया कि पुल के लिए आवेदन देते-देते थक गए हैं। क्षेत्र में बिजली की भी व्यवस्था नहीं है। ऐसे में पुल न बनता देख आपसी सहमति से जुगाड़ का पुल बनाने का फैसला कर लिया गया। बांस-लकडि़यों से पुल तैयार कर लिया। ग्रामीणों ने कहा कि अब बच्चों को स्कूल जाने के लिए नाला तैरकर नहीं पार करना पड़ेगा।

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