Move to Jagran APP

एडीजी करेंगे विस्ट्रान आइफोन फैक्ट्री में हिंसा की जांच की निगरानी

जानकारों का कहना है कि कि गत 12 दिसंबर को कर्नाटक के कोलार स्थित विस्ट्रॉन के संयंत्र में हुई तोड़फोड़ से पूरे देश को एक तगड़ा झटका लगा है। ताइवानी कंपनी विस्ट्रॉन भारत में एपल के उत्पाद बनाती है।

By Nitin AroraEdited By: Published: Wed, 23 Dec 2020 09:39 AM (IST)Updated: Wed, 23 Dec 2020 09:39 AM (IST)
एडीजी करेंगे विस्ट्रान आइफोन फैक्ट्री में हिंसा की जांच की निगरानी
एडीजी करेंगे विस्ट्रान आइफोन फैक्ट्री में हिंसा की जांच की निगरानी

बेंगलुरु, प्रेट्र। ताइवान में मुख्यालय वाली विस्ट्रान कारपोरेशन की कोलार स्थित आइफोन फैक्ट्री में हाल में हुई हिंसा की जांच की निगरानी अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) प्रताप रेड्डी करेंगे। राज्य के गृह मंत्री बसावराज बोम्मई के निर्देश पर कर्नाटक सरकार ने इस आशय का फैसला लिया है।

loksabha election banner

गृह मंत्री ने सोमवार को इस संबंध में वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की एक बैठक की अध्यक्षता की थी। इसमें अतिरिक्त मुख्य सचिव रजनीश गोयल और पुलिस महानिदेशक प्रवीण सूद भी उपस्थित थे। जांच पूरी करने के लिए कोई निश्चित समयसीमा निर्धारित नहीं की गई है। बता दें कि कोलार जिले में नरसापुर स्थित विस्ट्रान आइफोन निर्माण सयंत्र में कथित रूप से वेतन और ओवरटाइम भत्तों के भुगतान में देरी पर 12 दिसंबर को श्रमिक हिंसा पर उतर आए थे। विस्ट्रान ने शनिवार को कहा था कि उसने भारत में कंपनी के कारोबार की देखरेख करने वाले वाइस प्रेसीडेंट को बर्खास्त कर दिया है।

वहीं जानकारों का कहना है कि कि गत 12 दिसंबर को कर्नाटक के कोलार स्थित विस्ट्रॉन के संयंत्र में हुई तोड़फोड़ से पूरे देश को एक तगड़ा झटका लगा है। ताइवानी कंपनी विस्ट्रॉन भारत में एपल के उत्पाद बनाती है। शुरुआती दौर में इसे कंपनी-श्रमिक विवाद के तौर प्रचारित किया गया कि कुछ कर्मचारियों की वेतन कटौती और कुछ अन्य मसलों पर नाराजगी ने हिंसक रूप ले लिया। यह तोड़फोड़ बहुत अप्रत्याशित और आम विरोध-प्रदर्शन से काफी अलग थी जिसमें कंपनी के कर्मियों के अलावा बाहर से लाए गए लोग भी शामिल थे।

इसमें न केवल संयंत्र की मशीनरी को नुकसान पहुंचा, बल्कि तैयार फोन भी लूट लिए गए। नुकसान के सही आकलन की सही तस्वीर आना अभी शेष है, लेकिन इसके कारण संयंत्र से फिलहाल उत्पादन रुक गया है। साथ ही विस्ट्रॉन के साथ एपल का अनुबंध भी खतरे में पड़ गया है। हालांकि विस्ट्रॉन को जल्द ही इस गतिरोध के दूर होने की उम्मीद है और इस दिशा में कंपनी ने प्रयास करने भी शुरू कर दिए हैं। इस प्रकरण की परिणति चाहे जो हो, मगर जब कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां चीन से निकलकर भारत को अपना विनिर्माण केंद्र बनाने पर विचार कर रही हैं, उस स्थिति में यह घटना बहुत गंभीर है। शासन-प्रशासन को इससे सबक लेकर सतर्क रहने की दरकार है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.