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कम हुआ अफसरों पर जनता का भरोसा

केंद्रीय सतर्कता आयुक्त प्रदीप कुमार की नजर में जनता और उच्च पदों पर बैठे अफसरों के बीच भरोसे का संकट खड़ा हो गया है। उनका कहना है कि इस स्थित में बदलाव की दरकार है, अन्यथा सड़कों पर और ज्यादा प्रदर्शन होंगे। साथ ही कहा, भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए हमें चीन से सीखना चाहिए, जिसने नैतिक मूल्य आधारित समाजिक ढांचे और कड़े

By Edited By: Published: Tue, 27 Aug 2013 07:57 PM (IST)Updated: Tue, 27 Aug 2013 08:03 PM (IST)
कम हुआ अफसरों पर जनता का भरोसा

नई दिल्ली। केंद्रीय सतर्कता आयुक्त प्रदीप कुमार की नजर में जनता और उच्च पदों पर बैठे अफसरों के बीच भरोसे का संकट खड़ा हो गया है। उनका कहना है कि इस स्थित में बदलाव की दरकार है, अन्यथा सड़कों पर और ज्यादा प्रदर्शन होंगे। साथ ही कहा, भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए हमें चीन से सीखना चाहिए, जिसने नैतिक मूल्य आधारित समाजिक ढांचे और कड़े कानून की मदद से इस पर काबू पाया है।

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भ्रष्टों को सजा देने का रिकार्ड दयनीय

प्रदीप कुमार ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के विजिलेंस स्टडी सर्किल के उद्घाटन के बाद अपने संबोधन में उक्त उद्गार व्यक्त किए। उन्होंने कहा, नियंत्रक और महालेखा परीक्षक और चुनाव आयोग जैसे जिम्मेदार संस्थान लोकतंत्र को मजबूत करने और भ्रष्टाचार को घटाने में प्रभावी भूमिका अदा कर सकते हैं। साथ ही कहा, आधार के माध्यम से नकदी हस्तांतरण योजना का प्रयोग तकनीक के माध्यम से भ्रष्टाचार पर प्रभावी अंकुश का महत्वपूर्ण उदाहरण है। वर्षो से जिम्मेदार संस्थानों ने लोकतंत्र को मजबूत करने में बेहद अहम भूमिका अदा की है। कैग, चुनाव आयोग, न्याय पालिका, सतर्कता आयोग (सीवीसी) जैसे संस्थानों पर जनता का भरोसा बढ़ा है। इन हालत के बीच ही सरकारी विभागों में एक समानांतर व्यवस्था जन्मी है, जिसमें उच्च पदों पर बैठे लोगों और जनता के बीच भरोसा घटा है। हमें इसे बदलना होगा अन्यथा लोगों का गुस्सा बढ़ेगा और सड़कों पर ज्यादा प्रदर्शन होंगे।

कुमार ने कहा, कैग और सीवीसी सरकारी तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में अहम भूमिका अदा कर रहे हैं। भ्रष्टाचार पर रोक के लिए कुछ नहीं हो सकता, यह सोच बदल चुकी है। उन्होंने कहा, जब नौकरी की शुरुआत की थी तो केंद्रीय मंत्री के सलाखों के पीछे होने की बात सोचना भी असंभव था। केंद्र सरकार के सचिव, सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के शीर्ष पदों पर बैठे लोगों पर कानून का कोड़ा चलने की बात कोई सोचता भी नहीं था। आप सब के संयुक्त प्रयासों से इन सब पर कार्रवाई हुई, जिससे यह संदेश गया कि कोई भी कानून की पहुंच से बाहर नहीं है। कुमार ने कहा, आयोग हमेशा नियमों के सरलीकरण, तकनीक के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल और निर्णय प्रक्रिया में प्रशासनिक विलंब को खत्म करने के रास्ते तलाशने की वकालत करता है।

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