सैन्य प्रतिष्ठान के लिए खतरा नहीं आदर्श सोसायटी
मुंबई [जागरण संवाददाता]। पूर्व थलसेना अध्यक्ष जनरल दीपक कपूर को आदर्श सोसायटी की सदस्यता केलिए आवेदन करते समय यह कतई नहीं लगा कियह बहुमंजिली इमारत निकट ही स्थित सैन्य प्रतिष्ठान केलिए खतरा बन सकती है। उन्होंने यह बात आज आदर्श घोटाले की जांच कर रहे दो सदस्यीय जांच आयोग केसामने कही। आयोग केसामने पेश होनेवाले
मुंबई [जागरण संवाददाता]। पूर्व थलसेना अध्यक्ष जनरल दीपक कपूर को आदर्श सोसायटी की सदस्यता केलिए आवेदन करते समय यह कतई नहीं लगा कि यह बहुमंजिली इमारत निकट ही स्थित सैन्य प्रतिष्ठान केलिए खतरा बन सकती है। उन्होंने यह बात आज आदर्श घोटाले की जांच कर रहे दो सदस्यीय जांच आयोग के सामने कही।
आयोग केसामने पेश होनेवाले वह पहले पूर्व सेनाध्यक्ष हैं। उनका यह बयान रक्षा मंत्रालय के इस तर्क के विपरीत है कि बहुमंजिली इमारत निकट ही स्थित नेवी नगर केलिए खतरा बन सकती है। सन् 2005 में आदर्श सोसायटी की सदस्यता केलिए आवेदन करते समय जनरल कपूर ऐसा इसलिए महसूस नहीं हुआ क्योंकि आदर्श के इर्द-गिर्द और भी कई बहुमंजिला इमारते पहले से बनी हुई हैं। गौरतलब है कि जनरल कपूर के अलावा एक और थल सेनाध्यक्ष एन सी विज ने भी आदर्श सोसायटी की सदस्यता हासिल की थी। लेकिन इस सोसायटी को लेकर विवाद खड़ा होने के बाद दोनों पूर्व सेनाध्यक्षों ने अपनी-अपनी सदस्यता वापस ले ली थी।
माना जा रहा है कि जनरल दीपक कपूर द्वारा आज दो सदस्यीय जांच आयोग के सामने दिया गया बयान इस विवाद में रक्षा मंत्रालय के पक्ष को कमजोर ही करेगा। इससे पहले सेवानिवृत लेफ्टीनेंट जनरल जी.एस.सिहोटा आयोग को बता चुकेहैं कि आदर्श द्वारा इस्तेमाल किया गया भूखंड रक्षा मंत्रालय की संपत्ति नहीं है। जबकि मंत्रालय अभी तक यही कहता आ रहा है कि उक्त भूखंड पर मालिकाना हक रक्षा मंत्रालय का है एवं उस पर बनी बहुमंजिला इमारत रक्षा प्रतिष्ठान के लिए खतरा हो सकती है। रक्षा मंत्रालय ने इसी तर्क के साथ आदर्श घोटाले की जांच सीबीआइ से करवाने की मांग की थी, जिसका कि अब राज्य सरकार एवं आदर्श सोसायटी, दोनों विरोध कर रहे हैं।
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