Activist Stan Swamy Death: स्टेन स्वामी की मौत पर सोनिया-पवार समेत 10 दलों के नेताओं ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र
एलगार परिषषद और भीमा कोरेगांव मामलों के आरोपित फादर स्टेन स्वामी का लंबी बीमारी के बाद सोमवार को मुंबई में निधन हो गया। 84 वषर्षीय स्टेन ने बीमारी के कारण जमानत की अर्जी लगा रखी थी। लेकिन कोर्ट द्वारा उस पर सुनवाई से पहले ही उनका निधन हो गया।
नई दिल्ली, प्रेट्र। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत 10 विपक्षी दलों के नेताओं ने मंगलवार को राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द को पत्र लिखकर फादर स्टेन स्वामी की मौत पर 'नाराजगी' जताई और जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने में उनके हस्तक्षेप की मांग की। एलगार परिषषद और भीमा कोरेगांव मामलों के आरोपित फादर स्टेन स्वामी का लंबी बीमारी के बाद सोमवार को मुंबई में निधन हो गया। 84 वर्षीय स्टेन ने बीमारी के कारण जमानत की अर्जी लगा रखी थी। लेकिन कोर्ट द्वारा उस पर सुनवाई से पहले ही उनका निधन हो गया।
हस्ताक्षर करने वालों में राकांपा प्रमुख शरद पवार, पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल एस नेता एचडी देवेगौड़ा और नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला भी शामिल हैं। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (टीएमसी), तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन (डीएमके) और झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन (झामुमो), डी राजा (भाकपा), सीताराम येचुरी (माकपा) के अलावा तेजस्वी यादव (राजद) ने भी पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। ।
विपक्षी नेताओं ने अपने संयुक्त पत्र में कहा कि हम सभी स्टेन स्वामी की हिरासत में मौत पर गहरा दुख और आक्रोश व्यक्त करते हुए आपको गहरी पीड़ा में लिख रहे हैं। हम भारत के राष्ट्रपति के रूप में आपसे तत्काल हस्तक्षेप का आग्रह कर रहे हैं कि आप अपनी सरकार को स्टेन स्वामी पर मुकदमे थोपने, जेल में उनकी निरंतर नजरबंदी और अमानवीय व्यवहार के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दें।
बता दें कि स्टेन स्वामी पार्किसन सहित कई अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ि थे। हाल ही में उन्हें कोरोना भी हो चुका था। एनआइए द्वारा आठ अक्टूबर, 2020 को रांची से गिरफ्तार किए जाने के बाद से वह जेल में थे। एनआइए ने उन्हें माओवादी संगठनों से संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार किया था। स्टेन ने अपनी गिरफ्तारी को मुंबई हाई कोर्ट में चुनौती दे रखी थी और बीमारी के आधार पर जमानत याचिका दायर की थी। सोमवार को ही उनकी जमानत याचिका पर मुंबई हाई कोर्ट में सुनवाई होनी थी।