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छात्रों के साथ दुष्कर्म की 'Fake News' के खिलाफ कार्रवाई, NCPCR के निर्देश पर पुलिस ने दर्ज की एफआइआर

छात्रों के साथ जघन्य अपराध की खबरों को संज्ञान में लेते हुए एनसीपीसीआर ने तत्काल जिला प्रशासन से रिपोर्ट तलब की है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Wed, 29 Jan 2020 07:57 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jan 2020 07:58 PM (IST)
छात्रों के साथ दुष्कर्म की 'Fake News' के खिलाफ कार्रवाई, NCPCR के निर्देश पर पुलिस ने दर्ज की एफआइआर
छात्रों के साथ दुष्कर्म की 'Fake News' के खिलाफ कार्रवाई, NCPCR के निर्देश पर पुलिस ने दर्ज की एफआइआर

नीलू रंजन, नई दिल्ली। 'फेक न्यूज' फैलाने वालों की अब खैर नहीं। खासतौर पर बच्चों के साथ दुष्कर्म की फर्जी खबर सोशल मीडिया पर फैलाना अब महंगा साबित हो सकता है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के निर्देश पर मुजफ्फरनगर के एक मदरसे में पढ़ने वाले छात्रों के साथ पुलिस द्वारा दुष्कर्म की फर्जी खबर के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली गई है और इसकी जांच के लिए एसआइटी का गठन कर दिया गया है। बाल यौन उत्पीड़न रोक कानून (पोक्सो) की धारा 23 के तहत यौन शोषण की फर्जी खबर चलाकर किसी बच्चे की गरिमा को गिराने की कोशिश अपराध है और इसके लिए सजा का प्रावधान है।

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उपद्रवियों को किया था गिरफ्तार

दरअसल 20 दिसंबर को सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान मुजफ्फरनगर में भीड़ को तितर-बितर करने और उपद्रवियों को पकड़ने के क्रम में पुलिस एक मदरसे से जुड़े सादात होस्टल में प्रवेश कर गई थी और वहां छुपे उपद्रवियों को गिरफ्तार किया था। इस क्रम में मदरसे में पढ़ने वाले कुछ छात्र भी गिरफ्तार कर लिये गए थे, जिन्हें बाद में मदरसे के प्रबंधन की ओर से पहचाने जाने के बाद छोड़ दिया गया था। इसके कुछ दिनों बाद सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों पर फर्जी खबर फैलाई गई कि मदरसों के छात्रों के साथ पुलिस ने दुष्कर्म किया था और इस क्रम में कुछ छात्रों के संवेदनशील अंगों से खून का स्त्राव भी हुआ था।

जिला प्रशासन से रिपोर्ट तलब

छात्रों के साथ जघन्य अपराध की खबरों को संज्ञान में लेते हुए एनसीपीसीआर ने तत्काल जिला प्रशासन से रिपोर्ट तलब की। बाद में साफ हुआ कि ऐसा कुछ हुआ ही नहीं था और छात्रों के साथ दुष्कर्म की खबरें पूरी तरह निराधार थी। बिना किसी सत्यता के सोशल मीडिया के साथ-साथ अन्य जगहों पर चलाई गई खबरों को एनसीपीसीआर ने गंभीरता से लिया।

पोस्को एक्ट के तहत एफआइआर

एनसीपीसीआर का कहना था कि इससे निर्दोष छात्रों की गरिमा को एक साजिश के तहत धूमिल करने की कोशिश की गई है, इसीलिए इसकी जांच होनी चाहिए। एनसीपीसीआर ने तीन जनवरी 2020 को मुजफ्फरनगर पुलिस को इस मामले में पोस्को एक्ट की धारा 23 के तहत एफआइआर दर्ज कर मामले की जांच करने और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया और इसके अनुपालन की रिपोर्ट जल्द सौंपने को कहा।

एनसीपीसीआर के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार मुजफ्फरपुर पुलिस के वरिष्ठ पुलिस अधिक्षक ने अनुपालन रिपोर्ट में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। एनसीपीसीआर अब इस मामले की पुलिस की निष्पक्ष जांच और आरोपियों को सजा सुनिश्चित करने की कोशिश में जुटा है।


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