टेरर फंडिंग पर कार्रवाई से टूटा आतंकियों का मनोबल
- केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ ने किया एनआइए मुख्यालय का उद्घाटन, कहा, नकली नोटों के कारोबार से आतंकियों को मिलती है ऑक्सीजन..
नई दिल्ली, प्रेट्र : केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि कश्मीर में अशांति फैलाने के लिए 'पड़ोसी देश' से भेजी जानी वाली वित्तीय मदद (टेरर फंडिंग) पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) के प्रहार से आतंकवादी और अलगाववादी संगठनों का मनोबल टूट गया है। उन्होंने कहा कि अच्छी गुणवत्ता वाले जाली नोट 'आतंकवाद के लिए ऑक्सीजन' का काम करते हैं।
एनआइए मुख्यालय का उद्घाटन करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि कोई भी सभ्य देश अपनी जमीन पर आतंकवाद को पनपने की इजाजत नहीं दे सकता। सेना, अर्धसैनिक बलों और अन्य एजेंसियों के लगातार प्रयासों से जम्मू-कश्मीर में प्रतिदिन पांच-छह आतंकी मारे जा रहे हैं। जाली करेंसी से पैदा होने वाले खतरों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि नकली नोटों की वजह से आतंकवाद को बढ़ावा मिलता है और अच्छी गुणवत्ता वाली जाली करेंसी तो आतंकवाद के लिए ऑक्सीजन का काम करती है।
आतंकवाद को विकास की राह में बाधा बताते हुए उन्होंने कहा कि राजग सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें इस मसले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रमुखता से उठाना शामिल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आतंकवाद के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को वार्ता की मेज पर लाने में सफल रहे हैं। एनआइए की भूमिका की सराहना करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि आतंकी मामलों में साक्ष्य जुटाना काफी चुनौतीपूर्ण होता है, फिर भी इनके 95 फीसद मामलों में अभियुक्तों को सजा मिली है। एनआइए ने पिछले आठ वर्षो में पेशेवर व वैज्ञानिक जांच के जरिये अपनी विश्वसनीयता और निष्पक्षता साबित की है।
बता दें कि 2008 में मुंबई आतंकी हमलों के बाद देश में ऐसे हमलों की जांच के लिए 2009 में एनआइए का गठन किया गया था। एजेंसी ने इसी साल जून में आतंकी गतिविधियों और उसको मिलने वाली वित्तीय मदद की जांच शुरू की थी। इसके बाद विभिन्न स्थानों पर छापे मारे गए थे। एनआइए ने इस सिलसिले में अब तक दस लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें पाकिस्तान समर्थक अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के दामाद अल्ताफ शाह उर्फ फंटूश और प्रभावशाली कारोबारी जहूर वताली शामिल हैं।
अपने स्वागत भाषण में एनआइए महानिदेशक शरद कुमार ने कहा कि गठन के बाद से एजेंसी को अब तक 166 केस सौंपे गए हैं। इनमें देश में आतंकवाद से जुड़ी चुनौतियों के लगभग हर तरह के मामले शामिल हैं। इनमें 63 जिहादी आतंकवाद, 25 पूर्वोत्तर की उग्रवादी गतिविधियों, 41 आतंकवाद को वित्तीय मदद एवं जाली करेंसी, 13 वामपंथी चरमपंथ और 24 अन्य आतंकी गतिविधियों से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि एनआइए द्वारा की गई जांच से आतंकवाद के खास मामलों में गैरकानूनी वित्तीय मदद को उजागर करने में मदद मिली है।
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