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अलबानिया में घोटाले के आरोपी संदेसरा भाइयों पर कसा शिकंजा, जानें क्‍या हुई कार्रवाई

अलबानिया ने नितिन संदेसरा को दो महीना पहले नाइजीरिया में अपना कौंसिल नियुक्त किया था लेकिन मंगलवार को उसे इस पद से हटा दिया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 27 Mar 2019 10:06 PM (IST)Updated: Thu, 28 Mar 2019 09:17 AM (IST)
अलबानिया में घोटाले के आरोपी संदेसरा भाइयों पर कसा शिकंजा, जानें क्‍या हुई कार्रवाई
अलबानिया में घोटाले के आरोपी संदेसरा भाइयों पर कसा शिकंजा, जानें क्‍या हुई कार्रवाई

नीलू रंजन, नई दिल्ली। 8100 करोड़ रुपये के घोटाले के आरोपी संदेसरा भाइयों पर अलबानिया में भी शिकंजा कसने लगा है। अलबानिया ने नितिन संदेसरा को दो महीना पहले नाइजीरिया में अपना कौंसिल नियुक्त किया था, लेकिन मंगलवार को उसे इस पद से हटा दिया है। यही नहीं, अलबानिया ने यह भी संकेत दिया है कि वह संदेसरा भाइयों को दी गई नागरिकता और पासपोर्ट को रद्द भी कर सकता है। संदेसरा से साले हितेश पटेल को इसी केस में अलबानिया हिरासत में ले चुका है।

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अलबानिया के यूरोप व विदेश मामलों के विभाग ने मंगलवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि नितिन संदेसरा को जनवरी 2019 में नाइजीरिया का कौंसिल नियुक्ति किया गया था। लेकिन भारत में बड़े घोटाले में नाम आने के बाद उन्हें हटा दिया गया है। विदेश विभाग के अनुसार संदेसरा को कभी भी राजनयिक या सर्विस पासपोर्ट नितिन संदेसरा को जारी नहीं किया गया था।

अलबानियाई विदेश विभाग के मुताबिक संदेसरा की नागरिकता और पासपोर्ट जारी करने का मामला उसके मातहत नहीं आता है। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार नागरिकता और पासपोर्ट रद्द करने के मुद्दे पर अलबानिया का गृह विभाग विचार कर रहा है। यदि संदेसरा भाइयों की नागरिकता रद्द हो जाती है कि उसे भारत प्रत्यर्पण का रास्ता आसान हो जाएगा।

गौरतलब है कि बैंकों के 8100 करोड़ रुपये का कर्ज लेने के बाद नितिन संदेसरा, चेतन संदेसरा और उसकी पत्नी दीप्ती संदेसरा विदेश फरार हो गए थे। देश-विदेश में बनाए गए मुखौटा कंपनियों के मार्फत इन्होंने बैंकों के लोन को विदेश ले भागने में सफल रहे।

जांच एजेंसियों का शिकंजा कसने के पहले ही संदेसरा विदेश भाग गया और अब उसके अलबानिया में नागरिकता लेकर छुपे होने का खुलासा हुआ है। मनी लांड्रिंग के तहत इस मामले की जांच कर रहे ईडी ने इंटरपोल से इन तीनों के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी करने का अनुरोध किया है। माना जा रहा है कि इंटरपोल जल्द ही इस पर कार्रवाई करेगा।

ईडी की जांच में यह भी पता चला है कि संदेसरा ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लोन लेने और जांच एजेंसियों से बचने के लिए भारत में बड़े राजनेताओं और नौकरशाहों को 140 करोड़ रुपये की रिश्वत दी थी। ईडी इन सबकी जांच कर रहा है। 


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