Move to Jagran APP

मानसून सत्र में आ सकता है नए आयकर कानून के लिए विधेयक

मौजूदा आयकर कानून 1961 में बना था। तब से लेकर अब तक इसमें कई बार संशोधन हो चुके हैं।

By Kishor JoshiEdited By: Published: Thu, 22 Mar 2018 07:54 PM (IST)Updated: Thu, 22 Mar 2018 07:54 PM (IST)
मानसून सत्र में आ सकता है नए आयकर कानून के लिए विधेयक
मानसून सत्र में आ सकता है नए आयकर कानून के लिए विधेयक

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जीएसटी लागू कर देश की परोक्ष कर व्यवस्था को बदलने के बाद सरकार ने अब नया आयकर कानून लाने की दिशा में कोशिशें तेज कर दी हैं। माना जा रहा है कि संसद के मानसून सत्र में नए प्रत्यक्ष कर कानून के लिए विधेयक पेश किया जा सकता है। नए आयकर कानून में मध्यम वर्ग और उद्योग जगत को राहत मिलने के भी आसार हैं।

prime article banner

सूत्रों ने कहा कि सरकार ने नए प्रत्यक्ष कर कानून का मसौदा तैयार करने के लिए जिस टास्क फोर्स का गठन किया था, उसने एक शुरुआती खाका तैयार कर लिया है। टास्कफोर्स 31 मई 2018 तक इस विधेयक का मसौदा तैयार कर वित्त मंत्रालय को सौंप देगी। इसके बाद कानून मंत्रालय से राय मशविरा कर वित्त मंत्रालय इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजेगा। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद सरकार मानसून सत्र में इस विधेयक को संसद में पेश कर सकती है। सूत्रों ने कहा कि केंद्र की कोशिश इस विधेयक को शीतकालीन सत्र में ही पारित कराने ही होगी ताकि अगले साल चुनाव में जाने से पहले नए आयकर कानून के जरिए मध्यम वर्ग और उद्योगों को राहत दी जा सके।

मौजूदा आयकर कानून 1961 में बना था। तब से लेकर अब तक इसमें कई बार संशोधन हो चुके हैं। इसके चलते यह कानून काफी जटिल हो गया है। यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 1-2 सितंबर को नई दिल्ली में शीर्ष टैक्स अधिकरियों के 'राजस्व ज्ञान संगम' में मौजूदा आयकर कानून की समीक्षा कर इसका मसौदा पुन: तैयार करने की जरूरत पर बल दिया था। इसके बाद ही ने आयकर कानून की समीक्षा कर नया प्रत्यक्ष कर कानून का मसौदा तैयार करने के लिए एक टास्क फोर्स गठित की थी।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के सदस्य (विधायी) अरविंद मोदी के नेतृत्व वाली यह छह सदस्यीय टास्क फोर्स विभिन्न देशों में प्रचलित प्रत्यक्ष कर प्रणालियों और सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय पद्धतियों का अध्ययन कर देश की आर्थिक आवश्यकताओं के हिसाब से नए कानून के प्रावधान तैयार कर रही है। टास्क फोर्स में पूर्व आइआरएस अधिकारी जीसी श्रीवास्तव, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के गैर-आधिकारिक निदेशक और सीए गिरीश आहूजा, ईएंडवाई के अध्यक्ष और क्षेत्रीय प्रबंधक राजीव मेमानी, कर अधिवक्ता मुकेश पटेल और आइसीआरआइईआर की कंसल्टेंट मानसी केडिया को इसका सदस्य बनाया गया है। मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यिम इस टास्क फोर्स में स्थायी रूप से आमंत्रित सदस्य हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.
OK