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सस्‍ते लोन दिलाने के बहाने दो करोड़ हड़प कर भाग रहे थे आरोपित, गिरफ्तार

मध्य प्रदेश के खंडवा में बुधवार देर रात आरपीएफ और जीआरपी द्वारा पवन एक्सप्रेस से दो लोगों को दो करोड़ रुपये के साथ गिरफ्तार करने के मामले का राजफाश हो गया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 13 Feb 2020 10:17 PM (IST)Updated: Thu, 13 Feb 2020 10:17 PM (IST)
सस्‍ते लोन दिलाने के बहाने दो करोड़ हड़प कर भाग रहे थे आरोपित, गिरफ्तार
सस्‍ते लोन दिलाने के बहाने दो करोड़ हड़प कर भाग रहे थे आरोपित, गिरफ्तार

 खंडवा, राज्‍य ब्‍यूरो। मध्य प्रदेश के खंडवा में बुधवार देर रात आरपीएफ और जीआरपी द्वारा पवन एक्सप्रेस से दो लोगों को दो करोड़ रुपये के साथ गिरफ्तार करने के मामले का राजफाश हो गया है। दोनों आरोपितों ने यह राशि मुंबई की कंस्ट्रक्शन कारोबारी शालिनी ताई ठाकरे को छह करोड़ रुपये का सस्ता लोन दिलाने का झांसा देकर मार्जिन मनी के बतौर बैंक में जमा करने के बहाने से हड़पी थी। पैसा बैंक में जमा करने के बजाय वे बिहार भार रहे थे। हालांकि, आरोपितों का कहना है कि ताई की कंपनी ने उन्हें हाजीपुर में जमीन खरीदने के लिए यह राशि दी थी।

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छह करोड़ रुपये का लोन कम ब्याज दर पर दिलवाने का झांसा

गिरफ्तार आरोपितों के नाम विनोद पुत्र राजकुमार झा (60) और अमित पुत्र चांदी यादव (30) निवासी हथौड़ी, जिला दरभंगा, बिहार है। आरोपित विनोद करीब दो साल से प्रॉपर्टी कारोबारी का विश्वासपात्र बन कर ताई को कारोबार में मदद कर रहा था। मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज एफआइआर के अनुसार मलाड स्थित एसजे ठाकरे कंस्ट्रक्शन कंपनी की मालिक शालिनी ताई के पिता का दोस्त होने की वजह से विनोद का उनके घर भी आना-जाना था। विनोद ने कंपनी को छह करोड़ रुपये का लोन कम ब्याज दर पर दिलवाने की बात कही थी। इसके लिए दो करोड़ रुपये मार्जिन मनी के रूप में जमा कराने थे।

12 फरवरी को सुबह 8:30 बजे शालिनी ताई ने यह रकम बैंक में जमा करने के लिए कंपनी के कर्मचारी अक्षय पुत्र अनंत परवडी के साथ विनोद को दी थी। दोनों ऑटोरिक्शा से ठाणे पहुंचे। विनोद को यहां एक अन्य व्यक्ति मिला। उसे अपना साथी बताकर विनोद ने अक्षय से कहा कि वह रकम बैंक में आरटीजीएस करवा कर जल्द वापस आ रहा है। अक्षय कुछ समय वहीं इंतजार करता रहा, लेकिन विनोद और उसका साथी वापस नहीं आया। फिर विनोद का मोबाइल स्विच ऑफ हो गया।

अंधेरी पुलिस थाने में केस दर्ज

अक्षय ने मालकिन ठाकरे को विनोद के गायब होने की सूचना दी। उनके कहने पर उसने मुंबई के अंधेरी पुलिस स्टेशन पहुंचकर दो करोड़ रुपये की धोखाधड़ी कर विनोद व एक अन्य के फरार होने की शिकायत की। पुलिस प्रकरण दर्ज कर मामला क्राइम ब्रांच को सौंप दिया।

फोटो से हुई पहचान

चूंकि विनोद मूलरूप से बिहार का रहने वाला है, इसलिए मुंबई क्राइम ब्रांच ने बुधवार दोपहर मुंबई से बिहार की ओर जाने वाली सभी ट्रेनों में तलाशी के लिए आरपीएफ थानों को आरोपित का फोटो और डिटेल भेज दी। रात करीब सात बजे मिली इस सूचना के आधार पर खंडवा आरपीएफ के थाना इंचार्ज महेंद्र कुमार खोजा ने ट्रेन में गश्त कर रहे अपने स्टाफ को अलर्ट कर दिया। भुसावल से खंडवा की ओर आ रही पवन एक्सप्रेस के एसी कोच ए-वन में तलाशी के दौरान बर्थ 14 पर विनोद जैसे हुलिए का एक व्यक्ति पुलिस को नजर आया। उसके साथ एक और व्यक्ति भी था। इसके बाद ट्रेन रात 9:30 बजे के लगभग खंडवा स्टेशन पहुंचने पर दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया। उनके पास से बैग में रखे रुपये भी पुलिस ने बरामद कर लिए।

मुंबई क्राइम ब्रांच को सौंपा

दोनों आरोपितों को दो करोड़ रुपये के साथ मुंबई क्राइम ब्रांच की पांच सदस्यीय टीम को सौंप दिया गया है। गुरुवार को रेलवे मजिस्ट्रेट की कोर्ट से प्रोडक्शन वारंट जारी करवाकर टीम आरोपितों को लेकर मुंबई रवाना हो गई।


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