हादसों में हुई 2000 से अधिक सुरक्षा जवानों की मौत, NCRB ने जारी किया आंकड़ा
2014 से 2018 के बीच के पांच सालों की अवधि में करीब 2200 केंद्रीय सशस्त्र सेना बल (CAPF) के जवानों की दुर्घटना में मौत हो गई।
नई दिल्ली, प्रेट्र। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ओर से सुरक्षा जवानों को लेकर अहम जानकारी दी गई है। इसके अनुसार, 2014 से 2018 के बीच के पांच सालों की अवधि में करीब 2,200 केंद्रीय सशस्त्र सेना बल (CAPF) के जवानों की दुर्घटना में मौत हो गई।
2018 में कुल 132 जवानों की मौत हुई। 104 जवानों की दुर्घटना में मौत हुई वहीं आत्महत्या में 28 जवान मारे गए। यह आंकड़ा राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ओर से जारी किया गया है। 2014 में जब NCRB ने CAPF से जुड़े ऐसे मामलों को पहली बार एकत्रित किया था तब दुर्घटनाओं में 1,232 मौतें दर्ज की गई जबकि आत्महत्या के कारण मरने वालों का आंकड़ा 175 था।
2017 में दुर्घटना में 113 जवानों की मौत हुई। वहीं 2016 में 260, 2015 में 193 जवान मारे गए। आत्महत्या की बात करें तो 2017 में 60, 2016 में 74 और 2015 में 60 जवान मारे गए। आंकड़ों के अनुसार, दुर्घटना में 1,902 CAPF जवान वहीं आत्महत्या की घटना में 397 जवान मारे गए।
कुल मिलाकर 2014 से 2018 के बीच के पांच सालों में कुल 2,199 ऐसे हादसे हुए। NCRB ने पांच सेनाओं सीमा सुरक्षा बल (BSF), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), भारतीय-तिब्बती सीमा पुलिस (ITBP), सशस्त्र सीमा बल (SSB) के साथ असम राइफल्स (AR) और नेशनल सुरक्षा गार्ड (NSG) का कुल डाटा दिया है। मेडिकल विशेषज्ञ ने कहा कि आत्महत्या गंभीर परेशानी है लेकिन इसे समय से रोका जा सकता है।
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