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रिहा हिकाका को देख पत्‍‌नी हुई भावुक

ओड़िशा की लक्ष्मीपुर सीट से बीजद विधायक झिन्न हिकाका के माओवादियों ने गुरुवार सुबह नारायणपटना में रिहा कर दिया गया। कोरापुट जिले के बालपेटा गांव में हुई जन अदालत में विधायक को सशर्त छोड़ने का निर्णय लिया गया था।

By Edited By: Published: Thu, 26 Apr 2012 08:48 AM (IST)Updated: Thu, 26 Apr 2012 01:16 PM (IST)
रिहा हिकाका को देख पत्‍‌नी हुई भावुक

भुवनेश्वर। एक महीने से ज्यादा समय तक माओवादियों के चंगुल में रहे ओडिशा के विधायक झिना हिकाका को आखिरकार गुरुवार सुबह रिहा कर दिया गया। उनको लेने के लिए उनकी पत्‍‌नी समेत कुछ सदस्य भी नारायणपटना में मौजूद थे। अपने पति को देख कौशल्या बेहद भावुक हो गई।

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ओडिशा के कोरापुट जिले के एक गाव से माओवादियों ने 33 दिन पहले हिकाका को अगवा कर लिया था।

हरे रंग के कुर्ते और पायजामे में नजर आ रहे हिकाका को माओवादी नारायणपटना इलाके के बलीपेटा गाव में लेकर आए। समझा जाता है कि वहां उन्हें माओवादियों की प्रजा अदालत में पेश किया गया और वह उन्हें रिहा करने पर सहमत हो गई।

राज्य की सत्ताधारी पार्टी बीजू जनता दल के विधायक हिकाका को उनकी पत्नी कौशल्या माझी और अदालत में माओवादियों के मुकदमों की पैरवी करने वाले वकील निहार रंजन पटनायक को सौंपा गया।

अपने पति से मिलने के बाद काफी खुश दिख रही कौशल्या ने कहा कि मैं जनजातीय समुदाय के लोगों और मीडिया के समर्थन के लिए उनकी शुक्रगुजार हूं। मैं उन्हें देखने के लिए काफी बेचैन थी। बलीपेटा गाव में मौजूद एक मेडिकल टीम 37 साल के विधायक की सेहत की जाच करेगी।

कोरापुट जिले के बालपेटा गांव में हुई जन अदालत में विधायक को सशर्त छोड़ने का निर्णय लिया गया था। माओवादियों ने विधायक की पत्नी कौशल्या, वकील निहार पटनायक तथा कुछ मीडियाकर्मियों को बुलाया था। विधायक को उन्हीं के हवाले किया गया।

रिहाई करने से पहले माओवादियों ने हिदायत दी थी कि छोड़े जाने के मौके पर किसी भी सूरत में पुलिस या खुफिया विभाग के लोग आसपास भी न आएं। अपहर्ता माओवादियों ने विधायक से एक समझौता पत्र पर हस्ताक्षर कराए हैं। इसमें कुल 13 बिन्दु हैं। माओवादी नेत्री अरुणा ने सीडी जारी करके बताया है कि समझौते के अनुसार रिहा होने के बाद विधायक अपने पद से इस्तीफा देंगे।

हिक्का ने स्वीकार किया है कि उन्होंने आदिवासियों के लिए अब तक कुछ नहीं किया। रिहाई के बाद हिकाका 29 लोगों की रिहाई के लिए काम करेंगे।

उल्लेखनीय है कि बीती 23 मार्च को देर रात आंध्र-ओड़िशा सीमा पर कोरापुट जिले में माओवादियों ने विधायक का अपहरण कर लिया था। ओड़िशा सरकार ने विधायक की रिहाई के बदले 29 लोगों को जेल से छोड़े जाने की घोषणा की है। इनमें से पांच छोड़े भी जा चुके हैं जबकि अन्य की रिहाई की प्रक्रिया चल रही है। माओवादियों के निर्णय पर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने खुशी जाहिर की है।

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