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अब सरकारी स्‍कूल में पढ़ेगा 'आप' विधायक का बेटा

दिल्ली के लोग शहर के पब्लिक स्कूल को भले ही अपने बच्चों के बेहतर करियर की गारंटी मानते हों, लेकिन स्कूल संचालक पढ़ाई से ज्यादा स्कूलों को कमाई का जरिया मानते हैं। सरकारी स्कूल में सुविधाओं का टोटा की वजह से भी लोग अपने बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाने

By Sumit KumarEdited By: Published: Sun, 19 Apr 2015 09:36 AM (IST)Updated: Sun, 19 Apr 2015 05:53 PM (IST)
अब सरकारी स्‍कूल में पढ़ेगा 'आप' विधायक का बेटा

नई दिल्ली। दिल्ली के लोग शहर के पब्लिक स्कूल को भले ही अपने बच्चों के बेहतर करियर की गारंटी मानते हों, लेकिन स्कूल संचालक पढ़ाई से ज्यादा स्कूलों को कमाई का जरिया मानते हैं। सरकारी स्कूल में सुविधाओं का टोटा की वजह से भी लोग अपने बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाने पर जोर देते हैं।

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इन सभी कारणों के बीच मटियाला के आप विधायक गुलाब सिंह ने अपने बेटे का पब्लिक स्कूल से नाम कटवाकर उसका दाखिला सरकारी स्कूल में करवाने का फैसला लिया है। गुलाब सिंह का कहना है वे ऐसी पहल कर नेताओं व नौकरशाहों को संदेश देना चाहते हैं।

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मालूम हो कि सुशासन व स्वराज के नारे पर सत्ता में आई आम आदमी पार्टी के कई विधायक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। हालांकि इस पार्टी से जीते कई अमीर नेता सुर्खियों में रहे, वहीं विधायक बनने के बाद कई नेताओं के महंगी व लालबत्ती लगी गाड़ी का प्रयोग करने पर आप की किरकिरी भी हुई।

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गुलाब सिंह के दो बेटे हैं। उनका छोटा बेटा युगल पहले पपरावट गांव स्थित वृज किशोर पब्लिक स्कूल में पढ़ता था। उसका दाखिला हाल ही में उन्होंने घुम्मनहेड़ा गांव के सीनियर सेकेंडरी स्कूल में करवा दिया।

युगल उस स्कूल में 7वीं कक्षा की पढ़ाई कर रहा है। गुलाब सिंह बताते हैं कि नेता लोगों के बीच बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन उस पर अमल खुद भी नहीं करते। लिहाजा, उन्होंने ऐसा निर्णय कर लोगों के सामने उदाहरण पेश करने की कोशिश की है।

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उन्होंने बताया कि सरकारी स्कूलों में सुविधाओं की कमी की बात की जाती है, जबकि वहां अनुभवी शिक्षक होते हैं। यदि देश भर के नेता व नौकरशाह के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ने लग जाएं तो उन स्कूलों का कायाकल्प हो जाएगा। अच्छी शिक्षा के लिए उनका प्रयास है कि उनकी विधानसभा क्षेत्र के सभी स्कूलों में विज्ञान और वाणिज्य की सुविधा हो।

उन्होंने बताया कि स्थानांतरण पत्र नहीं मिल पाने के कारण निजी स्कूल में पढ़ रहे उनके बड़े बेटे गौरव का दाखिला सरकारी स्कूल में नहीं करवाया जा सका। वह 10वीं कक्षा का छात्र है। अगले वर्ष उसका दाखिला भी सरकारी स्कूल में करवा दिया जाएगा।

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