गीत चुरा जनता का दिल जीत रहे कुमार विश्वास?
कानपुर में रहने वाले वरिष्ठ गीतकार कन्हैयालाल वाजपेयी ने अमेठी से चुनाव लड़ रहे आप नेता कुमार विश्वास पर गीत चोरी करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि विश्वास गीत चोरी कर अब जनता का विश्वास जीत रहे हैं।
कानपुर। कानपुर में रहने वाले वरिष्ठ गीतकार कन्हैयालाल वाजपेयी ने अमेठी से चुनाव लड़ रहे आप नेता कुमार विश्वास पर गीत चोरी करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि विश्वास गीत चोरी कर अब जनता का विश्वास जीत रहे हैं। गीत लिखने के साक्ष्य के तौर पर वाजपेयी ने वर्ष 2008 में गीत लिखने के बाद छपी पुस्तक के अंश, गीत-कविता वेब पोर्टल में 30 जून 2008 को गीत पोस्ट करने के साथ ही गूगल सर्च इंजन में सोने के हिरन नहीं होते.. शीर्षक से गीत पड़े होने को पेश किया है। अब उन्होंने कुमार को भेजे गए नोटिस जवाब मांगा है और कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराने पर विचार कर रहे हैं।
'आधा जीवन जब बीत गया बनबासी सा गाते रोते । तब पता चला इस दुनिया में सोने के हिरन नहीं होते।' के रचयिता कन्हैयालाल वाजपेयी ने कवि कुमार विश्वास पर गीत का उपयोग करने के लिए कापीराइट कानून के तहत कानूनी कार्रवाई की धमकी देते हुए नोटिस जारी की है। गीतकार के मुताबिक यह गीत सबसे पहले 1993 में मार्च अथवा मई में नवनीत मासिक अंक में प्रकाशित हुआ उसके बाद करीब 15 पत्र-पत्रिकाओं में यदाकदा प्रकाशित होता रहा।
भारतीय ज्ञानपीठ से हिंदी के साहित्यिक गीतों के दो सौ वषरें की कविता यात्रा में इसे प्रमुखता से प्रकाशित किया गया। स्व. कन्हैयालाल नंदन जी ने देश-विदेश के कई मंचों पर जब-जब सुनाया,तब-तब मेरे नाम का उल्लेख अवश्य किया। इधर काफी दिनों से मुझे शिकायतें मिल रहीं थीं कि कुमार विश्वास लगभग हर कवि सम्मेलन में ये पंक्तियां बिना कोई नाम लिए ऐसे प्रयोग करते हैं जैसे यह गीत उन्हीं का हो। अब उन्होने कापी राइट कानून के तहत कानूनी नोटिस भेजा है।