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राजीव गांधी का भारत रत्न सम्मान वापस लिया जाएः फुलका

सिख विरोधी दंगा पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए आम आदमी पार्टी और भाजपा के सिख नेता एक साथ आ गए हैं। उन्होंने ऑल पार्टी ग्रुप बनाने की घोषणा करने के साथ ही सरकार से मांग की है कि राजीव गांधी को दिया गया भारत रत्न सम्मान वापस लिया जाए।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Fri, 20 Nov 2015 03:02 AM (IST)Updated: Fri, 20 Nov 2015 03:24 AM (IST)
राजीव गांधी का भारत रत्न सम्मान वापस लिया जाएः फुलका

नई दिल्ली। सिख विरोधी दंगा पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए आम आदमी पार्टी और भाजपा के सिख नेता एक साथ आ गए हैं। उन्होंने ऑल पार्टी ग्रुप बनाने की घोषणा करने के साथ ही सरकार से मांग की है कि राजीव गांधी को दिया गया भारत रत्न सम्मान वापस लिया जाए। इंसाफ की लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए अन्य पार्टी के नेताओं से भी संपर्क किया जाएगा।

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आम आदमी पार्टी (आप) के नेता एचएस फुल्का व भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री आरपी सिंह ने गुरुवार को एक साथ प्रेसवार्ता की। उन्होंने आरोप लगाया कि 31 साल पहले आज ही के दिन तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने सिखों की हत्या को उचित करार दिया था।

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उन्होंने 19 नवंबर, 1984 को भीड़ को संबोधित करते हुए कहा था कि जब बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती थोड़ी हिलती है। उस भीड़ में मौजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं में से अधिकतर वो थे, जो सिखों की हत्या में शामिल थे। प्रेसवार्ता में उस वक्त की वीडियो क्लिपिंग भी दिखाई गई, जिसमें राजीव गांधी भाषण दे रहे हैं।

फुल्का ने आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री ने सिखों की हत्या के दोषी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उन्हें पुरस्कृत किया था। जगदीश टाइटलर का नाम मानवाधिकार संस्थाओं की रिपोर्ट में भी आया था। इसके बावजूद उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया गया। इसी तरह से एचकेएल भगत को भी केंद्रीय मंत्री बनाया गया था।

उन्होंने कहा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने यह जानकारी हासिल करना भी उचित नहीं समझा कि दंगे में कितने सिखों की हत्या हुई है? तत्कालीन गृहमंत्री ने संसद में यह बयान दिया था कि 650 सिखों की ही हत्या हुई है, जबकि अटल बिहारी वाजपेयी ने 2800 सिखों की सूची जारी की थी।

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इस पर कांग्रेस ने वाजपेयी को राष्ट्रद्रोही तक कहा था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने तीन वर्षों के बाद 2700 से ज्यादा सिखों की हत्या का आंकड़ा जारी किया था। राजधानी में दिनदहाड़े निर्दोष नागरिकों की हत्या को उचित बताने और मृतकों की गिनती करने में ही तीन वर्ष लगा देने वाले पूर्व प्रधानमंत्री को भारत रत्न नहीं मिलना चाहिए।

आरपी सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने सिखों की हत्या कराई थी। इसके नेताओं ने इसके लिए माफी मांगने की जरूरत भी नहीं समझी।


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