संसदीय सचिव के मामले में AAP ने नहीं दिया जवाब, चुनाव आयोग ने बढ़ाई तारीख
7 अक्टूबर को आप के संबंधित सभी विधायकों ने आयोग में जवाब नहीं दिया था। विधायकों ने निवेदन किया था कि उन्हें आठ सप्ताह का समय दिया जाए।
नई दिल्ली वी.के.शुक्ला । संसदीय सचिवों के मामले में आम आदमी पार्टी के विधायकों ने चुनाव आयोग में अपना जवाब नहीं दिया है। इसके लिए 7 अक्टूबर तारीख निर्धारित की गई थी। अब चुनाव आयोग ने 17 अक्टूबर अंतिम तारीख निर्धारित की है। चुनाव आयोग के निदेशक (लॉ) विजय कुमार पांडेय ने संबंधित विधायकों को संबोधित किए गए 10 अक्टूबर को जारी अपने आदेश में साफ कहा है कि उनके अनुरोध पर 7 अक्टूबर से 17 अक्टूबर जवाब देने की तारीख बढ़ाई गई है। यह अंतिम तारीख है। इस तारीख को विधायक अपना जवाब दें। यदि विधायक जवाब नहीं देते हैं तो चुनाव आयोग मान लेगा कि आप के पास बताने के लिए कुछ नहीं है।
बता दें कि 7 अक्टूबर को आप के संबंधित सभी विधायकों ने आयोग में जवाब नहीं दिया था। विधायकों ने निवेदन किया था कि उन्हें आठ सप्ताह का समय दिया जाए। उनका तर्क था कि उन्हें जो जानकारी दी गई है वह बहुत विस्तार में है उसे हार्ड कॉपी में दी जाए। इसे पढ़ने के बाद जवाब देने के लिए यह समय मांगा गया था। मगर आयोग ने 10 तारीख के आदेश में निवेदन को नहीं माना है। आयोग के कड़े तेवर से ऐसा माना जा रहा है कि इस तारीख के बाद चुनाव आयोग अपनी प्रक्रिया शुरू कर सकता है। इस मामले में संसदीय सचिव रहे आप के 21 विधायकों की सदस्यता पर खतरा मंडरा रहा है। हालांकि आप सरकार दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा संसदीय सचिवों को हटाने के लिए दिए गए फैसले को अपने पक्ष में मान रही है। सरकार का मानना है कि अब जब संसदीय सचिव ही नहीं हैं तो चुनाव आयोग किस बात पर निर्णय देगा। सरकार का मानना है कि हाई कोर्ट के आदेश का उन्हें चुनाव आयोग में पूरा लाभ मिलने की उम्मीद है। बता दें कि अधिवक्ता प्रशांत पटेल की शिकायत पर यह कार्रवाई हो रही है।
शुंगलू कमेटी का बढ़ेगा कार्यकाल
आप ने अपने 20 महीने के कार्यकाल के दौरान, जितने भी महत्वपूर्ण फैसले लिए उनसे संबंधित फाइलों की जांच के लिए उपराज्यपाल नजीब जंग द्वारा गठित शुंगलू कमेटी का कार्यकाल बढ़ने के आसार हैं। पूर्व कैग वीके शुंगलू की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय कमेटी को रिपोर्ट देने के लिए छह सप्ताह का समय दिया गया था, जोकि 15 अक्टूबर को पूरा होने वाला है। दिल्ली सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण फाइलें कमेटी के पास 10 अक्टूबर तक भेजी गई हैं। सरकार द्वारा फाइल भेजने में हुई देरी के चलते कमेटी को कम से कम दो सप्ताह का समय और दिया जाएगा। कमेटी में पूर्व चुनाव आयुक्त एन गोपाल स्वामी और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) प्रदीप कुमार शामिल हैं। कमेटी सरकार के अधिकारियों के खिलाफ सिविल और आपराधिक मामलों की भी जांच कर रही है। दिल्ली सरकार में अधिकारियों की नियुक्ति, तबादले, नियमों की अनदेखी कर शुरू की गई योजनाओं से संबंधित फैसलों की फाइलों की जांच यह कमेटी कर रही है।
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