अपने सर्वे में आप नंबर एक
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में कुल मतों में से 35.6 फीसद मत मिलने का दावा किया है। नवंबर में पार्टी द्वारा दो चरणों में कराए गए सर्वे में यह बात सामने आई है। सर्वे में आप के बाद भाजपा के खाते में 26.6 व कांग्रेस को 25.
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में कुल मतों में से 35.6 फीसद मत मिलने का दावा किया है। नवंबर में पार्टी द्वारा दो चरणों में कराए गए सर्वे में यह बात सामने आई है।
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सर्वे में आप के बाद भाजपा के खाते में 26.6 व कांग्रेस को 25.8 फीसद मत मिलने की बात कही गई है।
आप व सिसरो एसोसिएट्स द्वारा कराए गए सर्वे के नतीजे को लेकर पार्टी नेता व चुनाव विश्लेषक योगेंद्र यादव ने कहा कि विधानसभा चुनाव में उतरने के फैसले के बाद जनाधार टटोलने के लिए पार्टी ने फरवरी में पहला सर्वे कराया था।
उस दौरान अगर चुनाव होता तो आप के खाते में 8.4 फीसद मत आते। लेकिन नवंबर में दो चरणों में कराए गए पांचवे सर्वे में पार्टी की स्थिति काफी मजबूत नजर आ रही है। पहला चरण का सर्वे 35 विधानसभा सीटों से 3,247 लोगों के बीच कराया गया। जबकि 30 नवंबर को दूसरे चरण के सर्वे में 17 विधानसभा सीटों के लिए एक दिन में 1,643 लोगों के बीच सर्वे किया गया। साथ ही, सर्वे की सैंपलिंग रेंडम की गई।
दूसरे ओपिनियन पोल से पार्टी के सर्वे की तुलना करते हुए योगेंद्र यादव ने माना कि नई पार्टी के मजबूती से उभरने पर पारंपरिक ओपिनियन पोल सटीक नहीं होते। हर चरण की तरह इस बार भी सर्वे की सारी डिटेल व रॉ डाटा वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि 1983 में आंध्र प्रदेश व 1987 में हरियाणा के चुनाव इस तरह की राजनीति के गवाह रहे हैं। इसमें तेलगू देशम व इंडियन नेशनल लोकदल ने चुनाव पूर्व के सारे आकलनों को झुठला दिया था। उन्होंने कहा कि इस बार दिल्ली में भी इसी तरह की साइलेंट वेब चल रही है। इससे पहली चीज यह होने जा रही है कि रिकार्ड तोड़ मतदान होगा। वहीं, चुनाव बाद आने वाले एक्जिट पोल के आंकड़े व ओपिनियन पोल में काफी फर्क होगा।
50 सीट आप के नाम
योगेंद्र यादव के अनुसार 30 नवंबर के आखिरी सर्वे के रुझानों में अगर कोई फर्क नहीं आता है, तो पार्टी को 44 सीट मिलेगी। वहीं, कांग्रेस व भाजपा 11 व 14 सीटों पर रहेंगी। पार्टी के पक्ष में दो फीसद मत बढ़ने पर आप की सीट 50 होगी, जबकि कांग्रेस व भाजपा 8 व 11 पर होंगी। इसके उलट अगर आप को दो फीसदी कम वोट मिलते हैं तो सीटों की संख्या 38 होगी। वहीं, कांग्रेस व भाजपा को 14 व 17 सीटें मिलेंगी। एक सीट अन्य के खाते में जाएगी।
केजरीवाल सबसे आगे
मुख्यमंत्री की दौड़ में अरविंद केजरीवाल सबसे आगे हैं। 39 फीसदी दिल्ली वाले केजरीवाल को बतौर मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं। वहीं, शीला दीक्षित और हर्षवर्धन के मामले में यह आंकड़ा क्रमश: 29 व 26 फीसद है।
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