आधार डाटा लीक में चुनावों को प्रभावित करने की क्षमता : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि आधार डाटा लीक एक गंभीर मसला है और इसमें चुनावों को भी प्रभावित करने की क्षमता है।
नई दिल्ली, जागरण न्यूज नेटवर्क। आधार की वैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि आधार डाटा लीक एक गंभीर मसला है और इसमें चुनावों को भी प्रभावित करने की क्षमता है।
प्रधान न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। पीठ में शामिल जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, 'ये बिल्कुल वास्तविक आशंकाएं हैं। इसमें चुनावों को प्रभावित करने के लिए व्यक्तिगत जानकारियों का इस्तेमाल शामिल है। आधार का अस्तित्व किसी अलग दुनिया में नहीं है। हम इसे उस तरह नहीं देख सकते।'
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआइडीएआइ) की ओर से पेश अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को आधार के तहत जारी प्रत्येक अधिसूचना का निजता की बुनियाद पर परीक्षण करना चाहिए। पूरी योजना को खत्म नहीं किया जा सकता। यूआइडीएआइ अधिवक्ता ने कहा दी कि आधार को खत्म करने के लिए कैंब्रिज एनालिटिका द्वारा डाटा चोरी की दलील नहीं दी जा सकती क्योंकि इसमें गूगल की तरह लर्निंग एल्गोरिदम नहीं है। बता दें कि 13 मार्च के अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अंतिम फैसला दिए जाने तक बैंकिंग, फोन और पासपोर्ट सेवाओं के लिए आधार अनिवार्य नहीं होगा।