मंडियों में ऑनलाइन कारोबार करने को चाहिए 'आधार', घपलेबाजी पर लगेगी लगाम
ई-मंडियों में नीति आयोग की एक समिति की जांच में इस तरह के घपले पकड़े गये, जिसके बाद सरकार सख्त हुई है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। किसानों को उनकी उपज के उचित मूल्य दिलाने और मंडियों में उनके साथ होने वाली धोखाधड़ी को रोकने के लिए कड़े उपाय किये जा रहे हैं। इसीलिए मंडियों में आन लाइन कारोबार करने के लिए आधार नंबर और बायोमीट्रिक का होना जरूरी किया जाएगा। ई-नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट (ईनाम) में भी कमीशन एजेंटों के व्यवस्था को लेकर सवाल उठाये जाने लगे हैं। केंद्र सरकार ने जल्दी ही ई-मंडी चलाने वाले राज्यों को सलाह जारी करेगी, ताकि किसानों की उपज की सीधी बिक्री आन लाइन की जा सके।
मंडी कानून में संशोधन करने को लेकर केंद्र सरकार पूरी तरह गंभीर है। इसमें राज्यों का सहयोग प्राप्त करने का प्रयास जारी है। किसानों के फर्जी नाम पर मंडियों में उपज की खरीद बिक्री पर लगाम लगाने के प्रावधान किये जा रहे हैं। इसके लिए इलेक्ट्रानिक तरीके अपनाये जा सकते हैं। मंडी में उपज बेचने वाले किसानों को अपना आधार नंबर और बायोमीट्रिक देना ही होगा, तभी उसके अनाज की बिक्री हो सकती है।
देश की 585 मंडियां ई-मंडियों में तब्दील कर दी गई हैं। लेकिन ज्यादातर मंडियों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव होने से गड़बडि़यां लगातार हो रही हैं। अधिकतर मंडियों में इंटरनेट जैसी प्राथमिक सुविधा न होने से उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा है। आन लाइन कारोबार दिखाने के चक्कर में कई तरह के घपले भी किये जा रहे हैं। मंडियों में दिनभर होने वाले सामान्य कारोबार को शाम को कंप्युटर में दर्ज कर उसे आन लाइन कारोबार के रूप दिखाया गया।
बता दें कि ई-मंडियों में नीति आयोग की एक समिति की जांच में इस तरह के घपले पकड़े गये, जिसके बाद सरकार सख्त हुई है। इससे अनाज बेचने आने वाले वास्तविक किसानों को जहां चिन्हित करने में मदद मिलेगी, वहीं खरीद करने वाले आढ़तियों और व्यापारियों का पता लगाया जा सकता है। साथ ही कारोबार के वास्तविक समय का भी पता चल सकता है। ई-मंडियों में कारोबार को प्रभावित करना आसान नहीं रहेगा।