जानिए किस पड़ोसी देश में दुल्हन लेकर पहुंची बारात और निकाह करके दुल्हे को लाई अपने घर
बांग्लादेश में शादी का एक अजीबोगरीब मामला प्रकाश में आया है यहां एक दुल्हन शादी करने के लिए बारात लेकर दुल्हे के घर पहुंच गई और निकाह करके ले आई।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। भारतीय परंपरा के अनुसार अब तक दुल्हा ही शादी करने के लिए अपने साथियों और नाते रिश्तेदारों को लेकर दुल्हन के घर जाया करता था मगर कुछ दिन पहले बांग्लादेश में इससे उलट एक मामला प्रकाश में आया। इसमें सबकुछ उल्टा हुआ। दुल्हन शादी करने के लिए अपने परिवार के साथ लड़के के घर पहुंची और वहां शादी करने के बाद लड़के को अपने साथ लेकर घर चली आई। लड़का भी हंसी खुशी उसके साथ विदा हो गया। इन दिनों बांग्लादेश में हुई इस शादी की खासी चर्चा हो रही है।
लड़कियों के सामने पेश किया उदाहरण
बांग्लादेश की 19 साल की खदीजा अख्तर खुशी ने इस तरह से निकाह करके एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। खदीजा से जब इस बारे में पूछा गया तो उसने जवाब दिया कि उसने ये काम इस उम्मीद में किया है कि बांग्लादेश के साथ-साथ बाकी जगहों की लड़कियां भी उनका अनुसरण कर सकेंगी। जो ऐसा करना चाहेंगी कम से कम वो उनका उदाहरण तो दे ही सकेंगी।
तारिकुल इस्लाम के साथ किया निकाह
अब तक यही होता आया है कि लड़का किसी भी लड़की से शादी करने के लिए बारात लेकर लड़की के घर जाता है मगर खदीजा ने इसे उलट दिया। खदीजा से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अगर लड़के निकाह कर लड़कियों को ला सकते हैं तो लड़कियां क्यों नहीं? हालांकि, खदीजा और उसके शौहर दोनों के लिए यह काफी सामान्य बात थी उनका मानना है कि अच्छा काम करना चाहिए।
कहां हुआ निकाह
यह निकाह भारत की सीमा से लगे एक ग्रामीण इलाके मेहेरपु में हुआ। शुरुआत में जब इस तरह की बातें उठी तो खदीजा और तारिकुल दोनों के परिवार राजी नहीं हुए, मगर बाद में दोनों के परिवार राजी हो गए, उसके बाद निकाह हुआ। दोनों ने कहा कि अदालत, मंदिर और गुरुद्वारे में शादियां होती रहती है। हमने भी धर्म के अनुसार शादी किया है।
काजी ने कराया निकाह
खदीजा ने कहा कि निकाह के लिए वह एक काजी और गवाह साथ लेकर गई थीं। उसके बाद ही निकाह का पंजीकरण होता है। शादी को जो औपचारिकताएं होती है वो सब उसी तरह से की गई।
क्या है परंपरा
परंपरा के अनुसार, दुल्हा और उसके रिश्तेदार शादी के लिए दुल्हन के घर जाते हैं और वहां जश्न के साथ शादी का कार्यक्रम होता है। इसके बाद दुल्हन अपने परिवार से विदा लेती है और शौहर के घर आ जाती है।
लैंगिक समानता में बांग्लादेश की रैंक सुधर रही
हाल के वर्षों में बांग्लादेश में समानता की दिशा में काफी प्रगति हुई है। विश्व आर्थिक मंच के मुताबिक़, लैंगिक समानता के मामले में दक्षिण एशिया में बांग्लादेश का रैंक बहुत अधिक है। तारिक़ुल और खदीजा खुश हैं कि उनकी शादी लैंगिक समानता की दिशा में एक बढ़ा हुआ कदम होगा।