आपदा प्रबंधन को भेजी जाए प्रधानमंत्री राहत कोष में एकत्रित राशि, सुप्रीम कोर्ट में उठी मांग
देश में कोरोना वायरस का मामला थमने का नाम नहींं ले रहा है। सुप्रीम कोर्ट में इसके लिए याचिका दायर की गई है जिसमें जांच कराने की सुविधा डोर स्टेप पर दी जाने की मांग की गई है।
नई दिल्ली [माला दीक्षित]। सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए याचिका दायर की गई, जिसमें इस बीमारी के लिए होने वाली जांच को लोगों के डोरस्टेप पर मुहैया कराने की मांग के साथ ही इसके लिए गठित राहत कोषों से धनराशि को आपदा प्रबंधन को ट्रांसफर करने की मांग की गई है।
इलाहाबाद के चार वकीलों ने यह याचिका दायर किया है। इस याचिका में यह कहा गया है कि घर-घर जाकर जांच कराई जाए और इसकी शुरुआत उन शहरों से कराई जाए, जहां संक्रमण के अधिक मामले हैं। साथ ही कोरोना वायरस की महामारी से लड़ने के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष और मुख्यमंत्री राहत कोष में एकत्र कराई गई राशि आपदा प्रबंधन को स्थानांतरित करने की मांग की गई है, ताकि इस धनराशि का इस्तेमाल कोविड-19 महामारी से निपटने में किया जाए।
एडवोकेट शाश्वत आनंद व तीन अन्य द्वारा संयुक्त तौश्र पर याचिका दायर की गई है। इनका कहना है कि सोशल डिस्टेंसिंग व लॉकडाउन के उपायों को अपनाया जाए ताकि संक्रमण को रोकने में सफल हो सकें। बता दें कि कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा और प्रवासी मजदूरों को उनके घर या निकटतम बिंदु पर पहुंचाने की व्यवस्था करने का आग्रह किया है, जहां से उनके संबंधित राज्य उन्हें उनके घरों में सुरक्षित लौटने का आश्वासन देंगे।
इससे पहले बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को सलाह दी थी कि सभी लैब में कोरोना वायरस के लिए की जाने वाली जांच की सुविधा मुफ्त में मुहैया कराई जाए। भारत में कोविड-19 का पहला मामला 30 जनवरी को आया था। तब से अब तक 100 दिनों के दौरान देश भर में संक्रमण का मामला 6 हजार के पार चला गया और मौत का आंकड़ा 199 पर पहुंच गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को आंकड़ा जारी किा जिसके अनुसार नॉवेल कोरोना वायरस के मामले 6,400 से अधिक हो गए।