India-China Business Policy: अडानी ग्रुप-चीनी कंपनी के बीच MoU रद करने की मांग, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर
महाराष्ट्र के अडानी ग्रुप और एक चीनी कंपनी के बीच MoU को रद करने की मांग के साथ भारत-चीन ट्रेड पॉलिसी के बारे में जानकारी की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है।
नई दिल्ली, जेएनएन। सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र के अडानी ग्रुप (Adani Group) और चीनी कंपनी के बीच MoU को रद करने की मांग वाली एक याचिका पर बुधवार को दायर की गई। इसमें चीन और भारत के बीच व्यापार की नीतियों के बारे में जानकारी के खुलासे की मांग की गई है। इस बीच अडानी ग्रुप ने चीनी कंपनी ईस्ट होप के साथ तीन साल पहले हुई डील की बात स्वीकार की लेकिन कहा कि इस डील के तहत काम नहीं हुआ सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई जानकारी पुरानी और गलत है।
इस क्रम में ग्रुप ने ट्वीट कर बताया कि जिम्मेदार कॉर्पोरेट के रूप में, अडानी देश के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के निर्माण में हमेशा से समर्पित रहा है जो भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों के साथ अवसरों का मूल्यांकन करता है। चीन की ईस्ट होप ग्रुप के साथ 30 करोड़ का सौदा हुआ था लेकिन यह कारगर नहीं हुआ। इसबारे में सोशल मीडिया पोस्ट पुरानी है।
जम्मू-कश्मीर की महिला एडवोकेट सुप्रिया पंडित ने यह याचिका कोर्ट में दायर की है जिसमें अडानी समूह, केंद्र सरकार, गुजरात सरकार व महाराष्ट्र सरकार को प्रतिवादी बनाया गया है। याचिका में सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई है कि चीनी कंपनी के साथ किए गए करार को रद करने का आदेश जारी किया जाए। हाल में ही भारत-चीन सीमा पर 20 सैनिकों के बलिदान के मद्देनजर केंद्र सरकार ने चीन के 59 मोबाइल एप पर भारत सरकार ने रोक लगा दी है।
अडानी समूह ने एक भारतीय बंदरगाह की निर्माण इकाई में 300 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश करने के लिए चीन की दिग्गज कंपनियों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। इसमें गुजरात के मुंद्रा विशेष आर्थिक क्षेत्र में विनिर्माण इकाइयां स्थापित करने का प्रस्ताव है। इसमें प्रतिवादी अडानी समूह, केंद्र सरकार, गुजरात सरकार और महाराष्ट्र सरकार को बनाया गया है। याचिका में सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई है कि वह चीन के साथ हुए इस बिजनेस डील को रद करने का आदेश जारी करे।
याचिका में कहा गया है कि हाल ही में भारत-चीन सीमा पर हमारे सैनिकों की बलिदान के मद्देनजर केंद्र सरकार ने चीन के 59 मोबाइल एप पर प्रतिबंध लगाया है, जिसका देश ने स्वागत किया है। वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार कुछ खास बिजनेस समूह और कुछ राज्य सरकार को चीन की कंपनियों के साथ बिजनेस डील करने की मंजूरी दे रही है। याचिका में कहा गया है कि जो कि कुछ राज्य सरकार को चीन की कंपनियों के साथ बिजनेस करने की मंजूरी देने से देश में गलत संदेश जाएगा और देश की जनता की भावनाओं के साथ मजाक होगा।