इंडिगो के नियो विमानों को किया गया ग्राउंड, जानिए क्या है कारण
इंडिगो ने अपने एयरबस ए-320 नियो विमानों को ग्राउंड करने का फैसला किया है। इसका कारण विमानों के इंजन में आने वाली समस्याओं को बताया जा रहा है।
नई दिल्ली (एएनआइ)। देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो ने अपने एयरबस ए-320 नियो विमानों को ग्राउंड करने का फैसला किया है। इसका कारण विमानों के इंजन में आने वाली समस्याओं को बताया जा रहा है। यानी फिलहाल इन विमानों का इस्तेमाल उड़ान के लिए नहीं किया जा सकेगा। यह फैसला यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया था। हालांकि इस वजह से कई यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब इंडियों के विमानों को ग्राउंड किया गया है, कुछ माह पहले भी डीजीसीए ने इंडिगो के ए-320 नियो श्रेणी के 11 विमानों को ग्राउंड करने का फैसला किया था। विमानन नियामक ने यह निर्णय इनमें प्रयुक्त ह्विटनी इंजन के बार-बार फेल होने के कारण लिया था।
गौरतलब है कि इंडिगो ने एविएशन रेगुलेटर को 2017 में अपनी फ्लाइट्स में जितनी तकनीकी गड़बड़ियां होने की जानकारी दी थी, दरअसल उसी अवधि में उससे 40 गुना से ज्यादा गड़बड़ियां हुई थीं। इसकी जानकारी भी खुद इंडिगो ने रेगुलेटर को दी। प्रतिद्वंद्वी एयरलाइंस ने जब इंडिगो के शुरुआती आंकड़ों पर सवाल उठाए तो उसने उन्हें रिवाइज किया था। इंडिगो ने डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) को जुलाई में बताया था कि गड़बड़ियों की संख्या 14628 है। पहले उसने 340 का आंकड़ा दिया था। एयरलाइन ने कहा कि आंकड़ा इसलिए बढ़ा क्योंकि रेगुलेटर ने उससे कहा कि गड़बड़ियों की जानकारी देने में वह ज्यादा कड़ाई बरते।
एविएशन मिनिस्टर जयंत सिन्हा ने मार्च में राज्यसभा को बताया था कि देश में एयरलाइंस ने 2017 में 24791 डिफेक्ट्स की जानकारी दी। 151 विमानों वाली इंडिगो ने ऐसी 340 गड़बड़ियों की जानकारी दी थी। उसकी संख्या गोएयर, विस्तारा और एयरएशिया के आंकड़ों से कम थी, जिनके पास क्रमश: 32, 17 और 14 विमानों का बेड़ा है। इंडिगो की ओर से दी गई के मुताबिक, गड़बड़ी के मामले 36 पर्सेंट बढ़ गए। 2016 में ऐसे मामलों की संख्या 10738 थी। साल 2017 में ही इंडिगो के कई एयरबस 320 नियो विमानों को इसलिए सेवा से हटा दिया गया क्योंकि उनमें लगे प्रैट एंड व्हिटनी इंजन ठीक से काम नहीं कर रहे थे।