Move to Jagran APP

2018 के दौरान टेक्नोलॉजी में बहुत कुछ बदला, बहुत कुछ बाकी

एपल ने आइफोन में स्क्रीन टाइम नाम से एक फीचर दिया है। इसकी मदद से यह जानना संभव होता है कि बच्चे ने फोन पर किस तरह की गतिविधि में कितना समय बिताया।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Mon, 31 Dec 2018 09:38 PM (IST)Updated: Mon, 31 Dec 2018 09:38 PM (IST)
2018 के दौरान टेक्नोलॉजी में बहुत कुछ बदला, बहुत कुछ बाकी
2018 के दौरान टेक्नोलॉजी में बहुत कुछ बदला, बहुत कुछ बाकी

जेएनएन, नई दिल्ली। 2018 टेक्नोलॉजी के लिहाज से मिला-जुला रहा। जहां फेसबुक, ट्विटर जैसी सोशल मीडिया साइट पर निजता के हनन और भड़काऊ कंटेंट फैलाने के आरोपों से लोगों का उनमें विश्वास डिगा, वहीं सोशल मीडिया, सॉफ्टवेयर और मैसेजिंग एप की दुनिया में बहुत कुछ ऐसा भी हुआ जिसने लोगों को सुरक्षित महसूस कराया। बीते साल पर्सनल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हुए कुछ ऐसे ही बदलावों और नए साल की उम्मीदों पर डालते हैं एक नजर 

loksabha election banner

पूरी हुई कई उम्मीदें स्मार्टफोन पर कंट्रोल
स्मार्टफोन को बहुत ज्यादा वक्त देना बड़ी समस्या की तरह सामने आया है। खासकर, किशोर बाहरी दुनिया से ज्यादा वक्त अपने फोन पर बिताने लगे हैं। बच्चों का एक सीमा से ज्यादा वक्त फोन पर बिताना माता-पिता के चिंता का विषय बना हुआ है। ऐसे अभिभावकों की चिंता को ध्यान में रखते हुए ही आइफोन बनाने वाली कंपनी एपल ने बीते साल बड़ा कदम उठाया। एपल ने आइफोन में स्क्रीन टाइम नाम से एक फीचर दिया है। इसकी मदद से यह जानना संभव होता है कि बच्चे ने फोन पर किस तरह की गतिविधि में कितना समय बिताया। इस फीचर का इस्तेमाल करने वाले बहुत से लोगों का अनुभव है कि इसकी मदद से वह फोन पर बिताए जाने वाले वक्त को आधा करने में कामयाब रहे हैं।

यूजर फ्रेंडली ब्राउजर
गूगल क्रोम के आने के बाद मोजिला फायरफॉक्स ब्राउजर का इस्तेमाल लगभग खत्म होने लगा था। ब्राउजिंग स्पीड की वजह से क्रोम ने बहुत तेजी से लोगों का दिल जीता। इस बढ़ती प्रतिस्पर्धा में फायरफॉक्स ने बड़ा कदम उठाया है। फायरफॉक्स ने ऐसे फीचर दिए हैं जो यूजर की प्राइवेसी के लिहाज से महत्वपूर्ण हैं। 'कंटेनर' के नाम से लाया गया फीचर भी ऐसा ही है। इसकी मदद से फेसबुक आपकी अन्य वेब एक्टिविटी पर नजर नहीं रख पाएगा। जिस तरह से हाल के दिनों में फेसबुक पर निजता चोरी के आरोप लगे हैं, उसे देखते हुए फायरफॉक्स का यह फीचर महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

वाट्सएप में हुए बड़े बदलाव
फेसबुक के मालिकाना हक वाले मैसेजिंग एप वाट्सएप ने भी बीते साल कुछ ऐसे फीचर लांच किए जिनकी लोगों को चाहत थी। सबसे खास फीचर रहा मैसेज को डिलीट करने का। पहले आप गलती से किसी को अनचाहा मैसेज भेजने के बाद पछताने के सिवा कुछ नहीं कर सकते थे। वाट्सएप ने अब भेजा हुआ मैसेज सामने वाले के चैट बॉक्स से भी डिलीट करने का विकल्प दे दिया है। इस फीचर की मदद से जब आप मैसेज को डिलीट करते समय 'डिलीट फॉर एवरीवन' का विकल्प चुनते हैं, तो वह मैसेज सामने वाले के चैट बॉक्स से भी डिलीट हो जाता है।

नए साल में बड़ी उम्मीदें कठघरे में सोशल मीडिया
सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनियों के लिए पिछला साल काफी खराब माना जा सकता है। फेसबुक पर हिंसा भड़काने वाले कंटेंट को नियंत्रित ना कर पाने और यूजर्स के डाटा चोरी का आरोप लगा। वहीं, ट्विटर पर फर्जी अकाउंट से नफरत और हिंसा को बढ़ावा देने वालों पर कार्रवाई ना करने को लेकर सवाल उठे। यू ट्यूब ने भी माना कि उसने गलत जानकारियां देने वाले कई चैनल बंद किए हैं। ऐसे में नए साल में लोगों की इस बात पर निगाह रहेगी कि सोशल साइट्स की ओर से इस दिशा में क्या कदम उठाए जाएंगे।

बेलगाम ऑनलाइन विज्ञापन
सोशल मीडिया साइट्स और ऑनलाइन विज्ञापनों की समस्या आपस में जुड़ी हुई है। कंपनियां वेब और सोशल मीडिया पर हमारी गतिविधियों पर नजर रखती हैं और उसी के अनुरूप विज्ञापन देती हैं। उदाहरण के तौर आपने किसी भी साइट पर कोई मोबाइल सर्च किया तो उससे जुड़े विज्ञापन खुद-ब-खुद आपको हर ओर दिखाई देने लगते हैं। कई बार यह बहुत परेशान करने वाला अनुभव होता है। देखना दिलचस्प होगा कि इस साल कंपनियां इस पर लगाम के लिए कोई कदम उठाती हैं या नहीं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.