सीएम बनने के बाद पहली बार अयोध्या पहुंचे योगी, सरयू तट पर की पूजा
योगी आदित्य नाथ से पहले राजनाथ सिंह साल 2002 में रामलला मंदिर जाने वाले पहले सीएम थे। इसके बाद बीते 15 सालों में किसी भी मुख्यमंत्री ने इस विवादित ढांचे का दौरा नहीं किया है।
नई दिल्ली, एएनआइ। विवादित ढांचा विध्वंस मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेताओं पर आरोप तय होने के अगले दिन योगी आदित्यनाथ भगवान राम के जन्मस्थान अयोध्या पहुंचे हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ का यह पहला अयोध्या दौरान है।
अयोध्या पहुंचने के बाद सीएम अादित्यनाथ सबसे पहले हनुमानगढ़ी गए और दर्शन किए। उन्होंने यहां करीब 30 मिनट बिताए। इसके बाद, वह रामलला के दर्शन के लिए गए। योगी आदित्यनाथ साल 1992 में हुए बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद ऐसे दूसरे मुख्यमंत्री हैं, जो रामलला के दर्शन के लिए गए। राजनाथ सिंह 2002 में ऐसा करने वाले सीएम थे। इसके बाद बीते 15 सालों में किसी भी मुख्यमंत्री ने यहां का दौरा नहीं किया है।
योगी सरयू नदी के तट पर भी गए और वहां पूजा-अर्चना किए
योगी आदित्य नाथ से पहले राजनाथ सिंह साल 2002 में रामलला मंदिर जाने वाले पहले सीएम थे। इसके बाद बीते 15 सालों में किसी भी मुख्यमंत्री ने इस विवादित ढांचे का दौरा नहीं किया है। सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री योगी लगभग 9 घंटे अयोध्या में रहेंगे और सबसे पहले रामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला के दर्शन करेंगे। इसके बाद डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में पार्टी के पदाधिकारियों से विचार-विमर्श करेंगे।
बता दें कि विवादित विध्वंस मामले में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती जैसे नेताओं पर आरोप तय होने के महज 24 घंटे भीतर रामलला के मंदिर जाने के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं। वैसे बता दें कि इस मामले में सभी आरोपियों को सीबीआइ की विशेष अदालत से निजी मुचलके पर जमानत मिल गई है।
ढांचा विध्वंस मामले में वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और केंद्रीय मंत्री उमा भारती समेत 12 आरोपियों को विशेष सीबीआई कोर्ट ने बीस हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी। सभी आरोपियों ने कोर्ट के समक्ष आरोप खारिज करने की मांग की। फिलहाल कोर्ट ने आरोपियों की मांग पर फैसला सुरक्षित रखा है। विशेष सीबीआई जज एस के यादव ने इनके अलावा भाजपा नेता विनय कटियार, विहिप के विष्णु हरि डालमिया और साध्वी ऋतंबरा को भी कोर्ट में उपस्थित रहने का आदेश दिया है। कोर्ट ने सभी को व्यक्तिगत उपस्थित रहने को कहा है। साथ ही कहा है कि व्यक्तिगत उपस्थिति के किसी आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा।
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