UK से भारत में ऑक्सीजन जनरेटर और 1,000 वेंटिलेटर की एक खेप भेजी गई, लगातार मिल रहा सहयोग
यूके की तरफ से ऑक्सीजन जनरेटर और 1000 वेंटिलेटर की एक खेप भारत भेजी गई है। प्रत्येक जनरेटर में प्रति मिनट 500 लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन करने की क्षमता है जो एक समय में 50 लोगों का इलाज करने के लिए पर्याप्त है।
नई दिल्ली, एएनआइ। कोरोना की लड़ाई में इस वक्त पूरा देश मजबूती से लड़ रहा है। हर रोज कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, जिसके चलते देश में ऑक्सीजन संकट से लेकर मेडिकल उपकरण की कमी पैदा गई है। मुश्किल की इस घड़ी में अन्य देशों से भी भारत को पूरा सहयोग मिल रहा है। लगातार दूसरे देश भारत को मेडिकल उपकरण मुहैया करा रहे हैं। यूके की तरफ से ऑक्सीजन जनरेटर और 1,000 वेंटिलेटर की एक खेप भारत भेजी गई है। प्रत्येक जनरेटर में प्रति मिनट 500 लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन करने की क्षमता है, जो एक समय में 50 लोगों का इलाज करने के लिए पर्याप्त है। बता दें कि इससे पहले भी यूके की तरफ से भारत में काफी संख्या में मेडिकल उपकरण भेज गए हैं। यूके के अलावा अमेरिका, ब्राजील, रूस, थाइलैंड सहित कई देशों ने भारत की मदद के लिए हाथ बढ़ाए हैं।
थाइलैंड ने भी बीते दिन भारत को भेज थे ऑक्सीजन सिलेंडर
बीत दिन थाइलैंड की तरफ से भी भारत को मदद पहुंचाई गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, थाईलैंड सरकार द्वारा भारत में 200 ऑक्सीजन सिलेंडर,10 ऑक्सीजन कंसट्रेटर भेजे गए। इतना ही नहीं थाईलैंड में रह रहे भारतीय समुदाय द्वारा भी मदद की गई। इन लोगों ने भारत में 100 ऑक्सीजन सिलेंडर और 60 कंसट्रेटर देश की राजधानी दिल्ली में भेजे थे।
वहीं कुवैत ने भी भारत को 215 मीट्रिक टन लिक्विड मेडिकल आक्सीजन और 2,600 आक्सीजन सिलेंडर भेजे थे। नई दिल्ली स्थित कुवैती दूतावास ने बताया था कि जल्द 1,400 मीट्रिक टन गैस भारत में और भेजी जाएगी। वहीं केंद्र सरकार ने शुक्रवार को बताया था कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में 27 अप्रैल के बाद से अब तक विदेश से तीन हजार टन से ज्यादा करीब 11 हजार सामान मिले हैं। तत्काल इस्तेमाल के लिए इन्हें एयरपोर्ट से ही संबंधित राज्यों को भेज दिया गया है। देश के किसी एयरपोर्ट या बंदरगाह पर विदेश से मदद के रूप में मिला कोई सामान नहीं पड़ा है।