हेलमेट नहीं पहनने के कारण रोज मरते हैं 98 लोग, आप भी संभल जाइए
अक्सर लोग टू-व्हीलर पर चलते वक्त हेलमेट न लगाने या फिर कार में सीट बेल्ट न पहनने जैसी लापरवाही कर बैठते हैं, जिसका परिणाम उन्हें बाद में भुगतना पड़ता है।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। सड़क पर बिना हेलमेट बाइक चलाना, कार ड्राइव करते समय सीट बेल्ट न लगाना और ड्राइविंग के दौरान मोबाइल पर बात करना अब एक फैशन बन चुका है। लेकिन यह फैशन आपको भारी पड़ सकता है। यह हरकतें आपको भगवान के घर पहुंचा सकती हैं। इन्हीं वजह से हजारों लोग वर्ष 2017 में मौत के मुंह में जा चुके हैं। इसलिए अब भी समय है संभल जाएं। आपको बता दें कि देश में हर साल हजारों लोगों की मौत सड़क हादसों में होती है। इनमें बहुत से मामले ऐसे होते हैं, जिनमें गलतियां दूसरों की नहीं बल्कि अपनी होती है। अक्सर लोग टू-व्हीलर पर चलते वक्त हेलमेट न लगाने या फिर कार में सीट बेल्ट न पहनने जैसी लापरवाही कर बैठते हैं, जिसका परिणाम उन्हें बाद में भुगतना पड़ता है। इस बाबत सामने आई ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2017 में हेलमेट न लगाने के कारण हर दिन कम से कम 98 लोगों की मौत होती है। वहीं इसी वर्ष सीट बेल्ट न पहनने के कारण 79 लोगों की मौत हुई। इसके अलावा ड्राइव करते वक्त फोन पर बात करने हर दिन 9 लोगों की मौत हुई।
पुलिस और ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट से मिले आंकड़े
ये रोड एक्सीडेंट रिपोर्ट राज्य पुलिस और ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट से मिले आंकड़ों के हिसाब से बनाई गई है। हालांकि वर्ष 2016 के मुकाबले 2017 में सड़क हादसों में कम लोगों की जान गई। वर्ष 2016 में जहां डेढ़ लाख से अधिक मौतें सड़क हादसों के दौरान हुई थीं वहीं वर्ष 2017 में यह आकंड़ा 1.48 लाख था। वहीं दूसरी तरफ आंकड़े इस बात का भी खुलासा करते हैं कि 2017 में एक्सीडेंट के दौरान हेलमेट न होने के कारण 36,000 लोगों की मौत हुई थी। वही वर्ष 2016 में यह आंकड़ा 10,135 था। इससे साफतौर पर जाहिर होता है कि हेलमेट के प्रति लोगों का रुझान काफी कम हुआ है। यही वजह रही कि सड़क हादसों में इतने लोगों की जानें गईं। इस तरह के हादसों में सबसे आगे तमिलनाडु रहा जहां इस वर्ष 2017 में 5,211 मौते हुईं। इसमें दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश रहा जहां 4,406 मौते हुई। इसके बाद तीसरे नंबर पर मध्य प्रदेश रहा जहां 3,183 मौत हुईं। यह सभी मौत हेलमेट न पहनने की वजह से हुई थीं।
रिपोर्ट में दोपहिया और कारों का भी जिक्र
आंकड़े के आधार पर बनी रिपोर्ट सिर्फ दोपहिया तक ही सीमित नहीं रही है, बल्कि इसमें कार हादसों का भी जिक्र है। इसमें सीट बेल्ट को लेकर ध्यान खींचा गया है। इसकी वजह ये है कि सीट बेल्ट को लेकर हमारा नजरअंदाज हमें कई बार मौत के मुहाने पर ले जाता है। सीट बेल्ट न लगाने की वजह से हुई मौत के मामले में कर्नाटक सबसे आगे रहा है। यहां पर वर्ष 2017 में 4,035 मौत हुई थीं। इसके बाद इस लिस्ट में तमिलनाडु आता है जहां 3,497 मौत और तीसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश आता है जहां 2,897 लोगों की मौत सीट बेल्ट न लगाने की वजह से हुई थी।
ड्राइव के वक्त बात करते हुए गई 2000 लोगों की जान
सरकार की तरफ से बार-बार यह बात कही जाती रही है कि गाड़ी चलाते समय फोन पर बात न करें। लेकिन हम लोग इस पर ध्यान नहीं देते हैं। उत्तर प्रदेश इस लिस्ट में सबसे आगे रहा है जहां पर गाड़ी चलाते समय बात करते हुए सबसे अधिक लोगों की जान गई। वर्ष 2017 में यहां पर 1,512 लोगों की जान गई। इसके बाद महाराष्ट्र में 282 और फिर तीसरे नंबर पर ओडिशा रहा जहां 257 लोगों की जान इस वजह से ही गई थी। वहीं देश की राजधानी में इस तरह के मामलों में तीन लोगों की जान गई।