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आजीवन कारावास के खिलाफ 93 साल के वृद्ध ने लगाई सुप्रीम कोर्ट में गुहार

जस्टिस यूयू ललित व दीपक गुप्ता की बेंच ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह अगली अवकाश बेंच के समक्ष अपनी याचिका लगाएं।

By Manish NegiEdited By: Published: Fri, 15 Jun 2018 07:48 PM (IST)Updated: Fri, 15 Jun 2018 07:48 PM (IST)
आजीवन कारावास के खिलाफ 93 साल के वृद्ध ने लगाई सुप्रीम कोर्ट में गुहार
आजीवन कारावास के खिलाफ 93 साल के वृद्ध ने लगाई सुप्रीम कोर्ट में गुहार
नई दिल्ली, प्रेट्र। 93 साल के वृद्ध ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई है। उसका कहना है कि 40 साल पुराने हत्या के मामले में उसकी दलीलों को सुना जाए। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले में ठीक तरीके से गौर नहीं किया। जस्टिस यूयू ललित व दीपक गुप्ता की बेंच ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह अगली अवकाश बेंच के समक्ष अपनी याचिका लगाएं। दूसरी बेंच 18 जून से अपना काम शुरू करेगी।
इस मामले में हाई कोर्ट ने 12 फरवरी को रोहताश व दो अन्य की याचिका को खारिज करते हुए ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा था। निचली अदालत ने 1983 में तीनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। पुलिस के अनुसार वाकया 29 सितंबर 1978 को उत्तर प्रदेश के बागपत में हुआ था। जमीन को लेकर विवाद में दो पक्ष आपस में भिड़ गए। इनमें कई लोगों को चोटें लगीं। इनमें से एक की उपचार के दौरान मौत हो गई। रोहताश के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि उसकी सेहत खराब है। दिमाग में कुछ व्याधियां हैं, जिससे वह कोमा में भी जा सकता है।

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