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मंदिर में नृत्य हिंदू धर्म का हिस्सा नहीं

मद्रास हाई कोर्ट ने बुधवार को कहा कि मंदिरों में महोत्सव के दौरान नृत्य कार्यक्रम आयोजित करना हिंदू धर्म का हिस्सा नहीं है। कोर्ट ने यह टिप्पणी करते हुए सलेम जिले के एक मंदिर में नृत्य कार्यक्रम आयोजित करने की मंजूरी देने से इंकार कर दिया।

By Edited By: Published: Thu, 05 Apr 2012 08:17 AM (IST)Updated: Thu, 05 Apr 2012 09:34 AM (IST)
मंदिर में नृत्य हिंदू धर्म का हिस्सा नहीं

चेन्नई। मद्रास हाई कोर्ट ने बुधवार को कहा कि मंदिरों में महोत्सव के दौरान नृत्य कार्यक्रम आयोजित करना हिंदू धर्म का हिस्सा नहीं है। कोर्ट ने यह टिप्पणी करते हुए सलेम जिले के एक मंदिर में नृत्य कार्यक्रम आयोजित करने की मंजूरी देने से इंकार कर दिया।

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इस संबंध में दाखिल याचिकाएं खारिज करते हुए जस्टिस के चंद्रू ने कहा कि मीडिया में इस तरह के भद्दे और अश्लील नृत्यों की खबर आती रही हैं। इनमें लगातार इजाफा हो रहा है।

एक याचिकाकर्ता ने पुलिस को यह निर्देश देने की मांग की थी कि वह 'अरुलमिघु श्री मरिम्मन कोइल थिरुविझा' संगठन को नृत्य जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने की मंजूरी प्रदान करे। लेकिन, जज ने कहा कि कोई भी याचिकाकर्ता यह स्सष्ट नहीं कर सका कि भारतीय नृत्य कार्यक्रम से क्या मतलब है? कई स्थानों पर लोग मंदिर के आसपास इस तरह के भद्दे कार्यक्रमों का विरोध करते रहे हैं। कोर्ट इस तरह के कार्यक्रमों की इजाजत नहीं दे सकता।

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