बोकारो व मुरादाबाद में 91 बच्चों को ट्रेन से उतारा गया, मानव तस्करी का संदेह
सभी बच्चों को तेलंगाना के खम्मम स्थित मदरसा में ले जाया जा रहा था।
जेएनएन, नई दिल्ली। झारखंड के बोकारो और उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में मानव तस्करी के मामला सामने आया है। बोकारो में राजकीय रेल पुलिस (जीआरपी) व पुलिस ने गुरुवार को मानव तस्करी के शक में धनबाद-अलपुझा (3351) अलेप्पी एक्सप्रेस के तीन कोच से करीब 84 बच्चों और चार हाफिजों (केयरटेकर) को बोकारो स्टेशन पर उतारा। मुरादाबाद में भी अवध असम एक्सप्रेस में छापेमारी कर किशोर समेत सात बच्चे बरामद कर मानव तस्करी का भंडाफोड़ किया गया।
बोकारो से अधिकारियों ने बताया कि सभी बच्चों को तेलंगाना के खम्मम स्थित मदरसा में ले जाया जा रहा था। इनकी उम्र सात से 14 वर्ष के बीच है। दो को छोड़ सभी के पास धनबाद से विजयवाड़ा का टिकट था। लगभग 40 बच्चों के परिजन गुरुवार देर शाम बोकारो पहुंच गए। बाल कल्याण समिति को आशंका है कि मामला मानव तस्करी से जुड़ा है। वहीं, पुलिस का कहना है कि जांच के बाद ही कुछ कहना उचित होगा। बोकारो स्टेशन पर ट्रेन से उतारे गए सभी बच्चे अल्पसंख्यक समुदाय हैं। केयरटेकर ने बताया कि खम्मम इसलिए ले जा रहे थे, क्योंकि वहां पढ़ाई अच्छी होती है और बच्चे भागने की कोशिश नहीं करते। पिछले पांच साल से परिजनों से बात करने के बाद ही बच्चों को खम्मम लेकर जाते हैं। ट्रेन से उतारे गए बच्चों में से एक ने बताया कि पढ़ाई के लिए उनके परिजन मदरसे में पांच सौ रुपया महीना भेजते हैं, लेकिन खर्च करने को केवल 20 रुपये दिया जाता है।
उधर मुरादाबाद में जीआरपी, आरपीएफ व मुरादाबाद क्राइम ब्रांच ने अवध असम एक्सप्रेस में छापेमारी कर किशोर समेत सात बच्चे बरामद कर मानव तस्करी का भंडाफोड़ किया। पूछताछ के बाद आरोपित तस्कर को भी धर दबोच लिया गया। तस्कर का दावा है कि वह इन बच्चों को बिहार से राजस्थान में सीकर के मदरसे में ले जा रहा था। सभी बच्चों की उम्र आठ से 10 वर्ष के बीच है। बच्चे बिहार के कटिहार के बनियाटोला भेलागंज के रहने वाले हैं। सभी को सीकर के एक मदरसे में पढ़ने के लिए ले जाया जा रहा था, लेकिन पुलिस उसकी दलील से संतुष्ट नहीं है।
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प्रथम दृष्टया मामला मानव तस्करी का लग रहा है। क्योंकि, इतनी बड़ी संख्या में बच्चों को घर से दूर केवल मदरसे में पढ़ाई के लिए ले जाया जा रहा है यह समझ से परे है। सबसे बड़ी बात कि किसी भी बच्चे के परिजन उसके साथ नहीं है। जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।
-डॉ. विनय कुमार ¨सह, अध्यक्ष, बाल कल्याण समिति, बोकारो