उन्हें आत्महत्या करने को मजबूर न करें..
इजरायली राजनयिक कार बम धमाका मामले में गिरफ्तार पत्रकार मुहम्मद अहमद काजमी की ओर से शनिवार को तीस हजारी कोर्ट में दलील दी गई कि उन्हें आत्महत्या के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। वकील गजेंद्र कुमार ने कहा काजमी की इस मामले में कोई भूमिका नहीं है।
नई दिल्ली। इजरायली राजनयिक कार बम धमाका मामले में गिरफ्तार पत्रकार मुहम्मद अहमद काजमी की ओर से शनिवार को तीस हजारी कोर्ट में दलील दी गई कि उन्हें आत्महत्या के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। वकील गजेंद्र कुमार ने कहा काजमी की इस मामले में कोई भूमिका नहीं है।
मुख्य महानगर दंडाधिकारी विनोद यादव को काजमी के वकील ने बताया कि उनके मुवक्किल को केवल इसलिए पकड़ा गया है कि इजरायल के मामले में कुछ राजनीतिक मुद्दे को उठाया और अपनी लेखनी से प्रकाशित भी किया। इससे यह साबित नहीं होता है कि काजमी इस पूरे मामले में षड़यंत्रकारी हैं।
उन्होंने कहा है कि जांच एजेंसी ने अपना काम पूरा कर लिया है लिहाजा उन्हें जमानत दे दी जाए। शुक्रवार को काजमी की ओर से जमानत याचिका दायर की गई थी। काजमी ने इस बात को आधार बनाकर कोर्ट से जमानत मांगी है कि उनकी पुलिस रिमांड 27 मार्च तक थी और पुलिस ने अपनी जांच पूरी होने की बात कह कर 23 मार्च को ही उन्हें कोर्ट में पेश कर दिया था। जिसके बाद से वे न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में हैं। पुलिस के इस कदम से साफ है कि पुलिस ने अपनी जांच पूरी कर ली है।
राजधानी के औरंगजेब रोड पर 13 फरवरी को इजरायली राजनायिक की कार पर हुए आतंकवादी हमले के मामले में दिल्ली पुलिस ने पेशे से पत्रकार मुहम्मद अहमद काजमी को गिरफ्तार किया था।
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