ताज सजने लगे, ख्वाब सच लगने लगे
'मां मैं भी एक दिन यह ताज पहनूंगी।'..प्रियंका चोपड़ा को मिस यूनिवर्स का खिताब मिलने पर कहा था नन्हीं वान्या ने। नौ साल बाद शुक्रवार को इसी वान्या मिश्रा के सिर पर सजा फेमिना मिस इंडिया वर्ल्ड-2012 का ताज।
चंडीगढ़ [जागरण संवाददाता]। 'मां मैं भी एक दिन यह ताज पहनूंगी।'..प्रियंका चोपड़ा को मिस यूनिवर्स का खिताब मिलने पर कहा था नन्हीं वान्या ने। नौ साल बाद शुक्रवार को इसी वान्या मिश्रा के सिर पर सजा फेमिना मिस इंडिया वर्ल्ड-2012 का ताज।
चंडीगढ़ के सेक्टर-19 निवासी वान्या की मां वेद मिश्रा ने शनिवार को दैनिक जागरण को बताया कि वान्या तब 11 महीने की थी, जब उसने रोज फेस्टिवल में मिस रोज का खिताब जीता था। उसी दिन मेरे दिमाग में इस दिन का ख्वाब था, जो अब साकार हुआ। कल रात जब वान्या को फेमिना मिस इंडिया-2012 का क्राऊन मिला तो मेरी आंखें खुशी से छलक पड़ीं। मेरे लिए यह सपने जैसे था। वान्या जब 13 साल की थी तभी से इस तरह के कांटेस्ट में भाग लेने के लिए कहती थी। मैंने हमेशा अपनी बेटी की इच्छा को पूरा किया। उसे आगे बढ़ाने में पूरी मदद की। जब भी उसे कहीं भी प्रतियोगिता में हिस्सा लेने जाना होता, मैं भी साथ जाती थी। वान्या को डाबर गुलाबरी मिस रोज ग्लो- 2012, भारतीय विद्यापीठ फेमिना मिस फोटोजेनिक, मेबिलाइन फेमिना मिस कोलोसल आईज-2012 का खिताब भी मिल चुका है।
वान्या की पसंद, खुशमिजाजी और पारिवारिक परिवेश पर चर्चा करते हुए वेद ने बताया-वान्या हमारी इकलौती बेटी है। इसके पिता आर्मी ऑफिसर थे। वर्ष 1994 में उनका असामयिक निधन हो गया। वान्या को किताबें पढ़ने का बेहद शौक है। इसलिए खाली समय मे वह पढ़ती है और डांस करती है।
चंडीगढ़ के केबी डीएवी में पढ़ाई पूरी करने के बाद वान्या पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज में फाइनल ईयर की छात्रा है। अभी वह गुडगांव में अपरेंटिस कर रही है। उसे मारिया शारापोआ का खेल सबसे ज्यादा पसंद है। खाने में तो मेरे हाथ के चने-भटूरे सबसे अच्छे लगते हैं। बकौल वेद अब वह अपनी बेटी के वापस आने का इंतजार कर रही है। वह एक हफ्ते में चंडीगढ़ आएगी।
प्राची की आदर्श एश्वर्या
इलाहाबाद [जागरण संवाददाता]। राजनीति, साहित्य, संस्कृति तथा खेल के क्षेत्र में वर्चस्व कायम करने वाले इलाहाबाद शहर ने सौंदर्य के क्षेत्र में भी अपना नाम शुमार कर लिया। मुंबई में शुक्रवार की रात जिस प्राची मिश्रा को मिस इंडिया अर्थ-2012 का ताज सौंपा गया, वह यहां टैगोर टाउन की रहने वाली हैं। घर के लोग प्यार से बेबी कहकर बुलाते हैं। शनिवार सुबह से ही बधाइयों का सिलसिला जारी है। प्राची के भाई जय प्रकाश व राहुल के साथ भाभी शालिनी के मोबाइल की घंटियां दिनभर घनघनाती रहीं। प्राची की आदर्श विश्व सुंदरी ऐश्वर्या राय हैं। नेट से लेकर मैगजीन हर जगह ऐश्वर्या से जुड़ी जानकारी हासिल करती फिर उसे स्वयं प्रयोग करतीं।
भाई राहुल ने बताया-रात 11.35 बजे बेबी के सहेली पारुल का फोन आया तो हम खुशी से उछल पड़े। मैंने पापा और बड़ी दीदी ऋचा को फोन करके बताया कि बेबी ने इतिहास रच दिया। सुबह 9.30 बजे बेबी से हमारी बात हुई तो वह काफी खुश थी। प्राची की भाभी शालिनी बताती हैं कि फरवरी में वह आई थीं तो मुझसे वादा किया था कि इस बार मैं मिस इंडिया जरूर बनूंगी। मुझे विश्वास तो था, परंतु यकीन नहीं हो रहा था।
फैशन को बढ़ावा दूंगी
प्राची मिश्रा ने फोन पर बताया कि फैशन को बढ़ावा देने के लिए काम करना चाहती हैं। उन्होंने बताया कि फैशन को लेकर आज भी लोगों के बीच काफी गलत धारणा बनी है। खासकर मध्यम वर्ग लड़कियों को इस क्षेत्र में नहीं भेजना चाहता। मैं इस अवधारणा को खत्म करने के लिए काम करना चाहती हूं। साथ ही जनहित के कार्यो को बढ़ावा दूंगी, जिससे अधिक से अधिक लोगों को लाभ मिल सके।
मां और भाई ने दिया साथ
प्राची भले ही फेमिना मिस इंडिया चुनी गई हो। परंतु उनका सफर काफी कठिन रहा। ब्राह्मण परिवार व पिता आरसी मिश्र के जज होने के कारण घर में अनुशासन था। फैशन प्रतियोगिताओं में भाग लेना काफी कठिन था। तब मां प्रभा व भाई राहुल ने साथ दिया, इससे वह लगातार आगे बढ़ती गई। मेकअप करना, फैशन की किताबें पढ़ना उसे बहुत पसंद है। जब कोई रोकता तो झगड़ने लगती थी। इसके पहले वह लखनऊ में मिस यूपी व डाबर गुलाबरी प्रतियोगिता में दूसरे नंबर पर थी। वह पढ़ाई में भी काफी अव्वल थी। हर कक्षा में अच्छे अंक लाती थी। बीटेक करने के बाद वह इस समय पुणे में एमबीए की पढ़ाई कर रही है।
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