छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद से हो रहा मोहभंग, 9 नक्सलियों ने किया पुलिस के सामने सरेंडर
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर क्षेत्र में सक्रिय नौ नक्सलियों ने सुरक्षा बलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।
बीजापुर, राज्य ब्यूरो। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर क्षेत्र में सक्रिय नौ नक्सलियों ने सुरक्षा बलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। इसमें पांच इनामी नक्सली शामिल हैं। बुधवार को आइजी विवेकानंद सिन्हा, कलेक्टर केडी कुंजाम और एसपी मोहित गर्ग के समक्ष तीन लाख का इनामी नागेश कुरसम उर्फ बुधराम ने समर्पण किया। वह नक्सलियों के प्लाटून नंबर 22 में सेक्शन कमांडर था।
इन नक्सलियों पर ये है आरोप
नागेश पर करकेली साप्ताहिक बाजार में आरक्षक की हत्या का आरोप है। इसके अलावा वह नीलमंगडु मुठभेड़ में भी शामिल था। समर्पण करने वालों में नागेश की पत्नी सोमे उर्फ भीमे कुरसुम भी शामिल है। भीमे पर भी तीन लाख का इनाम घोषित था। वह दक्षिण बस्तर डिवीजन में जगरगुंडा, बासागुड़ा और उसूर एरिया कमेटी और बस्तर डिवीजन के नेशनल पार्क एरिया कमेटी के अंतर्गत विभिन्न पदों पर काम कर चुकी है। वह 2005 से संगठन के लिए काम कर रही थी।
इन दोनों के अलावा समर्पण करने वालों में प्लाटून नंबर 13 का सदस्य व दो लाख का इनामी रातू पोयाम सहदेव उइका, एक लाख का इनामी गणपत वासम भी शामिल है। इसके अलावा राममूर्ति वासम, कमलू कामा, कुहरामी हड़मो और लक्खू वेट्टी ने भी समर्पण किया है। ये नक्सली सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा में हुई किसी न किसी वारदात में शामिल रहे हैं। नक्सलियों ने एक बंदूक, जिंदा कारतूस और एक देशी कट्टा के साथ समर्पण किया। इन्हें 10-10 हजार नकद प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई।
नक्सलवाद से मोहभंग हो रहा
आइजी विवेकानंद सिन्हा ने कहा कि बस्तर के आदिवासियों को बहला-फुसलाकर बाहर के नक्सली संगठन में भर्ती करते रहे हैं, लेकिन बस्तर के लोग अब समझ चुके हैं कि नक्सली जन विरोधी हैं। स्कूल, अस्पताल, सड़क बनने नहीं देते और ग्रामीणों को सरकारी सुविधाओं से वंचित रखते हैं। अब स्थानीय कैडरों का नक्सलवाद से मोह भंग हो रहा है। वे मुख्यधारा से जुड़ने लगे हैं। सिन्हा ने समर्पित नक्सलियों का स्वागत करते हुए अन्य भटके नक्सलियों से मुख्यधारा में लौटने की अपील की।