बाबरी विध्वंस महज एक घटना
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि बाबरी विध्वंस महज एक घटना है। इसमें विख्यात या कुख्यात जैसा कुछ भी नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की उस अर्जी पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की, जिसमें भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी और शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे समेत 21 लोगों पर इस मामले में आपराधिक षडयंत्र का मुकदमा फिर चलाए जाने की मांग की गई है।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि बाबरी विध्वंस महज एक घटना है। इसमें विख्यात या कुख्यात जैसा कुछ भी नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की उस अर्जी पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की, जिसमें भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी और शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे समेत 21 लोगों पर इस मामले में आपराधिक षडयंत्र का मुकदमा फिर चलाए जाने की मांग की गई है।
अदालत की कार्यवाही शुरू होते ही अतिरिक्त महाधिवक्ता ने पीठ से कहा, 'यह मामला मशहूर बाबरी मस्जिद विध्वंस से जुड़ा है।' इस पर जस्टिस एचएल दत्तू और सीके प्रसाद की पीठ ने कहा, 'इसमें मशहूर जैसा क्या है? यह एक घटना थी और इससे संबंधित पक्ष हमारे सामने हैं। यह विख्यात या कुख्यात नहीं है।' यह बताए जाने पर कि कुछ पक्षकारों ने अभी अपने जवाब दाखिल नहीं किए हैं, पीठ ने सुनवाई 27 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी।
कोर्ट ने सीबीआई की अर्जी पर पिछले साल 4 मार्च को आडवाणी, ठाकरे, कल्याण सिंह, उमा भारती, अशोक सिंहल और विनय कटियार समेत 21 लोगों को नोटिस जारी किए थे। नोटिस में कहा गया था कि बाबरी विध्वंस मामले में आपके खिलाफ आपराधिक षडयंत्र का मामला फिर से क्यों न शुरू किया जाए?
कोर्ट ने 21 मई, 2010 के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली सीबीआई की अपील पर ये नोटिस जारी किए थे। हाई कोर्ट ने इन सभी के खिलाफ आरोप खारिज करने के विशेष अदालत के फैसले को बरकरार रखा था।
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