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J&K : पिछले तीन सालों में 400 मुठभेड़, 85 जवान शहीद और 630 आतंकी ढेर- केंद्र

कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह को जवाब देते हुए राय ने कहा कि जम्मू-कश्मीर आतंकवादी हिंसा से प्रभावित हुआ है जो सीमा पार से प्रायोजित और समर्थित है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन सालों में आतंकियों के साथ 400 मुठभेड़ हुई हैं जिनमें 630 आतंकवादियों को मारा गया।

By Neel RajputEdited By: Published: Wed, 04 Aug 2021 04:46 PM (IST)Updated: Wed, 04 Aug 2021 04:46 PM (IST)
J&K : पिछले तीन सालों में 400 मुठभेड़, 85 जवान शहीद और 630 आतंकी ढेर- केंद्र
गृह राज्य मंत्री ने राज्यसभा में दी जानकारी (फोटो : दैनिक जागरण)

नई दिल्ली, एएनआइ। पिछले तीन सालों में जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के साथ मुठभेड़ की 400 घटनाएं हुई हैं, जिनमें 85 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए हैं और 630 आतंकियों को ढेर किया गया। यह आंकड़ा मई 2018 से जून 2021 तक का है। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय (Nityanand Rai) ने बुधवार को राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी है।

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कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह को जवाब देते हुए राय ने कहा कि जम्मू-कश्मीर आतंकवादी हिंसा से प्रभावित हुआ है जो सीमा पार से प्रायोजित और समर्थित है। उन्होंने एक लिखित जवाब में कहा, 'मई 2018 से जून 2021 तक 400 मुठभेड़ों में 85 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए और 630 आतंकवादी मारे गए।'

गृह राज्य मंत्री ने आगे कहा कि सरकार ने आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है और सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने, राष्ट्र विरोधी तत्वों के खिलाफ कानून को सख्ती से लागू करने, आतंकवादी संगठनों द्वारा पेश की गई चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए घेराबंदी और तलाशी अभियान जैसे विभिन्न उपाय किए हैं। राय ने कहा, 'सुरक्षा बल उन लोगों पर भी कड़ी नजर रखते हैं जो आतंकवादियों को सहायता प्रदान करने का प्रयास करते हैं।'

मार्च में सीजफायर उल्लंघन की एक भी घटना नहीं, अप्रैल-जून में सिर्फ छह बार

इससे पहले केंद्र सरकार ने जानकारी दी थी कि जम्मू-कश्मीर में इस साल पाकिस्तान की तरफ से होने वाली सीजफायर उल्लंघन की घटनाओं में कमी आई है। गृह मंत्रालय के तरफ से लोकसभा में पिछले तीन सालों के आंकड़े पेश किए गए थे, जिसके मुताबिक इस साल सीजफायर उल्लंघन की घटनाओं में भारी कमी आई है। ताजा आंकड़ों के अनुसार इस साल मार्च महीने में एक भी बार सीजफायर नहीं हुआ है जबकि इसी दौरान 2018 में 203, साल 2019 में 275 और 2020 में 454 बार सीजफायर उल्लंघन किया गया था। वहीं, इस साल अप्रैल से जुलाई तक पाकिस्तान की तरफ से छह बार सीजफायर उल्लंघन किया गया।

मंगलवार को लोकसभा में गृह मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि इस साल जनवरी में सीजफायर की 380 घटनाएं हुईं, फरवरी में 278 और मार्च में शून्य घटनाएं हुईं। इसके बाद अप्रैल में एक बार, मई में तीन बार और जून के महीने में दो बार सीजफायर उल्लंघन हुआ।

पिछले तीन सालों के आंकड़ों पर नजर डालें तो पाकिस्तान ने साल 2018 में 2140 बार, 2019 में 3479 बार और साल 2020 में 5133 बार सीजफायर उल्लंघन किया था। वहीं 2021 में केंद्र की सख्ती और सुरक्षा बलों की मुस्तैदी रंग लाने लगी है। इस साल आंकड़ों में भारी कमी आई है, पाकिस्तान ने 2021 में 664 बार संघर्षविराम का उल्लंघन किया है।

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