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तेजी से चालू है बुलेट ट्रेन के लिए निर्माण कार्य, 2022 तक पटरी पर दौड़ा सकता है रेलवे

भारतीय रेलवे और जापान की शिनकासेन टेक्नोलॉजी संयुक्त रूप से इस परियोजना का निर्माण करेगी।

By Kishor JoshiEdited By: Published: Mon, 26 Mar 2018 03:00 PM (IST)Updated: Mon, 26 Mar 2018 08:26 PM (IST)
तेजी से चालू है बुलेट ट्रेन के लिए निर्माण कार्य, 2022 तक पटरी पर दौड़ा सकता है रेलवे
तेजी से चालू है बुलेट ट्रेन के लिए निर्माण कार्य, 2022 तक पटरी पर दौड़ा सकता है रेलवे

शिमला (पीटीआई)। अहमदाबाद से मुंबई के बीच चलने वाली देश की पहली हाई स्पीड बुलेट ट्रेन के लिए पुलों और टनलों का डिजाइन से संबधित कार्य तेजी से चल रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए प्रक्रिया जारी है।

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आपको बता दें कि पिछले वर्ष ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे इन इस महत्वाकांक्षी परियोजना की आधारशिला रखी थी। यह परियोजना 2022 में पूरी होगी। यह ट्रेन दो शहरों के बीच 500 किमी की दूरी तीन घंटे से भी कम समय में पूरा करेगी। यह ट्रेन 12 स्टेशनों पर रूकेगी जिनमें से चार महाराष्ट्र के हैं। जापान ने इस परियोजना के लिया भारत को बेहद कम दर पर लोन दिया है। वर्ष 2022 में देश की पहली बुलेट ट्रेन मुंबई और अहमदाबाद के बीच दौड़ने लगेगी। इस रेल लाइन पर दौड़ने वाली बुलेट ट्रेन की अधिकतम गति 217 मील प्रति घंटा यानी 350 किमी प्रति घंटा, जबकि औसत गति 320 किमी प्रति घंटा होगी। यह वर्तमान में देश की सबसे तेज चलनी वाली दूसरी ट्रेनों से दो गुना से भी ज्यादा होगी। 

भारतीय रेलवे और जापान की शिनकासेन टेक्नोलॉजी संयुक्त रूप  से इस परियोजना का निर्माण करेगी। परियोजना को क्रियान्वित करने वाली राष्ट्रीय हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन (एनएचएसआरसी) के प्रबंध निदेशक अचल खरे ने बताया कि दिल्ली, मुंबई और जापान के इंजीनियरों की निगरानी में पुलों और टनलों का डिजाइन संबंधित 80 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है।यह प्रस्तावित कॉरीडोर बांद्रा-कुर्ला कॉम्पेलक्स (बीकेसी), मुंबई और साबरमती रेलवे स्टेशन, अहमदाबाद के बीच तैयार किया जाएगा। खरे ने बताया कि रूट का सर्वे और सॉइल टेस्टिंग का कार्य जारी है। दोनों राज्यों में जमीन का अधिग्रहण संबंधी कार्य भी शुरू हो चुका है।

उन्होंने आगे बताया, 'हमारे रूट में महाराष्ट्र के 108 गांव आ रहे हैं। इसमें से अधिकतर गांव पालघर जिले में स्थित हैं। हमने 17 गांवों में भूमि अधिग्रहण का नोटिस जारी कर दिया है और इसके बारे में भू-मालिकों को भी बता दिया गया है। जिसकी भी जमीन इस परियोजना के दायरे में आएगी उन्हे मौजूदा दर से अधिक मुआवजा दिया जाएगा। जो इसके लिए तैयार नहीं होंगे उनकी जमीन को भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्वास अधिनियम 2013 की धारा 19 के तहत अधिग्रहीत किया जाएगा। एनएचएसआरसी ने इस उद्देश्य के लिए 10 हजार करोड़ का बजट प्रस्तावित किया है।'


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