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26/11 की 8वीं बरसी, जख्म अब भी हरे हैं; मृतकों को श्रद्धांजलि

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और राज्यपाल सी. विद्यासागर राव ने 26/11 मुंबई हमले में मारे गए लोगों और शहीदों को मुंबई के मरीन पर श्रद्धांजलि दी।

By Atul GuptaEdited By: Published: Sat, 26 Nov 2016 06:53 AM (IST)Updated: Sat, 26 Nov 2016 09:58 AM (IST)
26/11 की 8वीं बरसी, जख्म अब भी हरे हैं; मृतकों को श्रद्धांजलि

नई दिल्ली, जेएनएन। देश शनिवार को साल 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमलों की 8वीं बरसी मना रहा है। मुंबई में एक साथ कई जगहों पर हुए इन आतंकवादी हमलों में 170 लोगों की जान चली गई थी। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और राज्यपाल सी. विद्यासागर राव ने मुंबई के मरीन ड्राइव पर मृतकों और शहीदों को श्रद्धांजलि दी।

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आज भी मुंबई हमले की याद लोगों के दिलों-दिमाग पर छाई है। 26 नवंबर 2008 की ही वह काली रात थी, जब लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकी समुद्री रास्ते से भारत की व्यावसायिक राजधानी में दाखिल हुए और 170 बेगुनाहों को बेरहमी से गोलियों से छलनी कर दिया था। इस हमले में 308 लोग जख्मी भी हुए। ये वो काला दिन था, जिस दिन आंखों के सामने लोगों ने अपनों को देखते-देखेत खोया था। हमले में अजमल कसाब सहित 10 आतंकवादी शामिल थे। हमले में जिंदा पकड़े गए एकमात्र आतंकी कसाब को 21 नवंबर 2012 को फांसी दे दी गई।

कराची से नाव के रास्ते मुंबई में घुसे
मुंबई हमलों की छानबीन से जो कुछ सामने आया है, वह बताता है कि 10 हमलावर कराची से नाव के रास्ते मुंबई में घुसे। इस नाव पर चार भारतीय सवार थे, जिन्हें किनारे तक पहुंचते-पहुंचते ख़त्म कर दिया गया। रात के तकऱीबन आठ बजे थे, जब ये हमलावर कोलाबा के पास कफ़ परेड के मछली बाजार पर उतरे। वहां से वे चार ग्रुपों में बंट गए और टैक्सी लेकर अपनी मजिलों का रुख किया।

साढ़े नौ बजे शुरू हुआ मौत का खेल
रात के तकरीबन साढ़े नौ बजे थे। कोलाबा इलाके में आतंकवादियों ने पुलिस की दो गाड़ियों पर कब्जा किया। इन लोगों ने पुलिस वालों पर गोलियां नहीं चलाईं। सिर्फ बंदूक की नोंक पर उन्हें उतार कर गाड़ियों को लूट लिया। यहां से एक गाड़ी कामा अस्पताल की तरफ निकल गई, जबकि दूसरी गाड़ी दूसरी तरफ चली गई। रात के लगभग 9.45 बजे हुए थे। तकरीबन 6 आतंकवादियों का एक गुट होटल ताज की तरफ बढ़ा जा रहा था। उनके रास्ते में आया लियोपोल्ड कैफे। यहां भीड़-भाड़ थी। भारी संख्या में विदेशी भी मौजूद थे। हमलावरों ने अचानक एके 47 लोगों पर तान दी। देखते ही देखते लियोपोल्ड कैफे के सामने खून की होली खेली जाने लगी। बंदूकों की तड़तड़ाहट से पूरा इलाका गूंज उठा। लेकिन आतंकवादियों का लक्ष्य यह कैफे नहीं था। यहां गोली चलाते, ग्रेनेड फेंकते हुए आतंकी ताज होटल की तरफ चल दिए।

छत्रपति शिवाजी टर्मिनस स्टेशन के अलावा आतंकियों ने ताज होटल, होटल ओबेरॉय, लियोपोल्ड कैफ़े, कामा अस्पताल और दक्षिण मुंबई के कई स्थानों पर हमले शुरू कर दिए। आधी रात होते-होते मुंबई के कई इलाकों में हमले हो रहे थे। शहर में चार जगहों पर मुठभेड़ चल रही थी। पुलिस के अलावा अर्धसैनिक बल भी मैदान में डट गए थे। एक साथ इतनी जगहों पर हमले ने सबको चौंका दिया था। इसकी वजह से आतंकियों की संख्या काअंदाजा लगाना भी मुश्किल हो रहा था।

ताज होटल बना सबसे बड़ा निशाना
ताज होटल में घुसकर आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। रात 9.55 बज चुके थे। ताज से महज दो किलोमीटर दूर आतंकवादियों के दूसरे गुट ने अपना खूनी खेल शुरू कर दिया। हमलावर सीएसटी स्टेशन यानी विक्टोरिया टर्मिनल के एक प्लेटफॉर्म पर पहुंच चुके थे। आतंकवादियों की संख्या तीन से ज्यादा थी। इन लोगों ने प्लेटफॉर्म पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। आतंकियों ने हैंड ग्रेनेड भी फेंके। आधे घंटे तक मौत का खेल चलता रहा। इसके बाद यहां मौजूद आतंकियों में से कुछ आतंकी जीटी अस्पताल पहुंच गए। वहां भी इन लोगों ने एके 47 का जी भरकर इस्तेमाल किया। बस पांच मिनट बाद ही रात के दस बजे सीएसटी स्टेशन से लगभग पांच किलोमीटर दूर मझगांव में धमाका हुआ। यहां एक टैक्सी के परखच्चे उड़ गए थे। टैक्सी में बम रखा था।

ताज के बाद ओबेरॉय होटल पर कब्जा
रात के तकरीबन 10 बजकर 15 मिनट हो चुके थे। आतंकियों का वो ग्रुप जो होटल ओबेरॉय के लिए निकला था वो हरकत में आ गया। वो लोग तेजी से गोलीबारी करते हुए होटल के अंदर घुस गए। ये लोग 13वीं मंजिल पर पहुंच गए। वहां इन लोगों ने कई लोगों को बंधक बना लिया। इस काम में उन्हें तकरीबन एक घंटे का वक्त लग गया। तकरीबन 11 बजे तक वो लोग होटल में अपनी पोजीशन ले चुके थे। इस वक्त इन लोगों ने एक परिवार को भी बंधक बना लिया। तकरीबन 10.25 बजे पुलिस की गाड़ियों में मौजूद आतंकवादियों ने कामा अस्पताल में घुसने की कोशिश की। लेकिन इन्हें कामयाबी नहीं मिली। इसके बाद ये लोग अंधाधुंध गोलीबारी करते हुए अंदर की तरफ चले गए। कई लोगों को गोलियां लगीं।

..जब सड़कों पर दौड़ी मौत
रात साढ़े दस बज चुके थे। तभी कोलाबा से तकरीबन 20 किलोमीटर की दूरी पर विले पार्ले में टैक्सी में विस्फोट हुआ। इसमें दो की मौत हो गई। अब रात के 10 बजकर 45 मिनट हो चुके थे। कामा हॉस्पिटल में अंदर घुसे आतंकवादी अब बाहर निकल गए। तेजी से गाड़ी से फायरिंग करते हुए वो लोग स्टेशन की तरफ चले गए। स्टेशन पर भी इन लोगों ने गोलीबारी की। वहां से तेजी से गाड़ी भगाते हुए ये लोग गिरगांव चौपाटी की तरफ चले गए। जहां दोनों आतंकियों को पुलिस ने मार गिराया।

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