संकटग्रस्त केरल के लिए मासूम की दरियादिली, दे दी अपने पिग्गी बैंक की बचत
साइकिल खरीदने के लिए चार पिग्गी बैंक में जमा हुए कुल रकम को केरल के लिए दान में देते हुए 8 वर्षीय बच्ची को नहीं हुई कोई हिचकिचाहट।
विल्लूपुरम (जेएनएन)। केरल में तबाही का मंजर देखने के बाद चारों तरफ से मदद के लिए लोग आ रहे हैं। अखबारों, टीवी चैनलों पर दिन-रात ऐसे ही दृश्यों ने एक नन्ही बच्ची को भी हिलाकर रख दिया। फलस्वरूप, पिछले चार सालों से अपने पिग्गी बैंक में जमा किए गए पैसे को उसने केरल की मदद के लिए दान में दे दिया।
पिछले कुछ हफ्ते की भारी बारिश के कारण बाढ़ ने केरल में तबाही मचा दी है। इसके कारण अबतक करीब 357 लोगों की मौत हो गई और आधारभूत जरूरतों से लाखों लोग वंचित हैं। संकट के इस हालात में केरल की मदद के लिए देश-विदेश से भी लोग मदद के लिए आगे आ रहे हैं। हर जगह से आर्थिक मदद के साथ राहत सामग्रियों का योगदान किया जा रहा है।
टीवी पर भी केरल का हाहाकार जारी है, जिसे देख नन्ही अनुप्रिया का दिल पिघल गया और उसने अपने पिता शिव शानमुगंथन से बाढ़ के बारे में पूछा। जब उसे पता चला कि इनकी मदद के लिए देश के कोने-कोने से योगदान दिया जा रहा है तब कक्षा दो में पढ़नेवाली अनुप्रिया ने अपने और छोटे भाई पारिशिथ कन्ना के सभी चार पिग्गी बैंकों को तोड़ने का निर्णय लिया।
शिवराम नगर में रहने वाले शानमुगंथन ने बताया, ‘चार साल की उम्र से अनुप्रिया पिग्गी बैंक में पैसे जमा कर रही है। हर दिन कुछ सिक्के वह अपने पिग्गी बैंक में डालती है।‘ इस पैसे से वह साइकिल खरीदने वाली थी लेकिन केरल के हालात जान उसने फैसला किया कि अपनी बचत वाली रकम को वह दान कर देगी। बीते शनिवार को उसने अपने पिग्गी बैंक को तोड़ सभी पैसे निकाले जो करीब 8,846 रुपये थे और पिता की मदद से वह 9,000 रुपये हो गए। उसी रात शानमुगंथन ने मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष को डिमांड ड्राफ्ट के जरिए पूरी रकम भेज दी। इस बीच हीरो साइकिल्स ने अनुप्रिया के इस योगदान के लिए उसे पुरस्कार देने का ऐलान किया है। कंपनी ने इस बात की जानकारी ट्वीट कर दी है।