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अमरावती में राजधानी घोषित होने से पहले 796 गरीबों ने खरीदी 200 करोड़ की जमीन, जानें पूरी कहानी

अमरावती में इनसाइडर ट्रेडिंग में संलिप्तता के आरोप में सीआइडी ने जिन 700 से ज्यादा लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं उनमें दो पूर्व मंत्री भी शामिल हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 24 Jan 2020 07:13 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jan 2020 07:13 PM (IST)
अमरावती में राजधानी घोषित होने से पहले 796 गरीबों ने खरीदी 200 करोड़ की जमीन, जानें पूरी कहानी
अमरावती में राजधानी घोषित होने से पहले 796 गरीबों ने खरीदी 200 करोड़ की जमीन, जानें पूरी कहानी

अमरावती, आइएएनएस। कथित जमीन घोटाले की जांच में आंध्र प्रदेश पुलिस को पता चला है कि गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) रह रहे 796 लोगों ने 2014-15 के दौरान राज्य की राजधानी अमरावती और उसके आसपास करीब 200 करोड़ रुपये कीमत की 761.34 एकड़ जमीन खरीदी थी। इन जमीन सौदों के समय राज्य में तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) की सरकार थी।

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बेनामी सौंदों के लिए गरीब लोगों का किया गया इस्‍तेमाल

अधिकारियों के मुताबिक, सभी 796 लोगों के पास श्वेत राशन कार्ड हैं। ये राशन कार्ड पांच हजार रुपये से कम मासिक आय वाले बीपीएल परिवारों को जारी किए जाते हैं। संदेह है कि इन लोगों का इस्तेमाल बेनामी सौदों के लिए किया गया है, लिहाजा इन सौदों में शामिल वास्तविक लोगों की पहचान के लिए सीआइडी अधिकारियों ने चार टीमों का गठन किया है। सीआइडी ने आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से भी मामलों की जांच का आग्रह किया है क्योंकि इन खरीददारों में से अधिकतर के पास पैन कार्ड तक नहीं हैं और जमीन सौदों का लेनदेन नकदी में किया गया था।

दो मंत्री सहित सात सौ लोगों के खिलाफ मामले दर्ज

अमरावती में इनसाइडर ट्रेडिंग में संलिप्तता के आरोप में सीआइडी ने जिन 700 से ज्यादा लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं उनमें दो पूर्व मंत्री भी शामिल हैं। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी सरकार द्वारा राज्य विधानसभा में जमीन सौदों की जांच कराने की घोषणा के तीन दिन बाद सीआइडी ने एफआइआर दर्ज की थी।

वित्त मंत्री बी. राजेंद्रनाथ रेड्डी ने विधानसभा में कहा था कि सरकार के पास इस बात के सुबूत हैं कि टीडीपी सरकार द्वारा अमरावती को राज्य की राजधानी घोषित करने से पहले जून-दिसंबर, 2014 के दौरान टीडीपी नेताओं और उनके समर्थकों ने 4,700 एकड़ जमीन खरीदी थी। एफआइआर में आरोपित बनाए गए दो मंत्रियों में तत्कालीन शहरी विकास मंत्री पी. नारायण और तत्कालीन कृषि मंत्री पी. पुल्ला राव शामिल हैं। उन पर ग्रामीणों की जमीनें जबरन खरीदने का आरोप है। सीआइडी ने छद्म तरीके से अमरावती में जमीनें खरीदने के लिए टीडीपी नेता बी. नरसिम्हा राव और अन्य के खिलाफ भी मामले दर्ज किए हैं।

टीडीपी ने बदले की राजनीति बताया

टीडीपी नेताओं ने कार्रवाई को जगनमोहन रेड्डी सरकार की बदले की राजनीति करार दिया है, लेकिन प्रदेश सरकार ने राज्य की राजधानी विकेंद्रीकृत करने का यह भी एक कारण बताया है। सरकार के फैसले के मुताबिक, अब विशाखापट्टनम को कार्यकारी राजधानी, कुर्नूल को न्यायिक राजधानी और अमरावती को विधायी राजधानी के तौर पर विकसित किया जाएगा।


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