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Alert: 2050 तक दुनिया के 70 करोड़ लोग पलायन को होंगे मजबूर, आने वाली है बड़ी आपदा

भारत भी इस आपदा से अछूता नहीं रहेगा। मरुस्थलीकरण से प्रभावित आधा दर्जन से ज्यादा मंत्रालयों को जोड़कर सरकार शुरू एक बड़ी योजना शुरू कर सकती है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Wed, 28 Aug 2019 11:16 PM (IST)Updated: Thu, 29 Aug 2019 07:13 AM (IST)
Alert: 2050 तक दुनिया के 70 करोड़ लोग पलायन को होंगे मजबूर, आने वाली है बड़ी आपदा
Alert: 2050 तक दुनिया के 70 करोड़ लोग पलायन को होंगे मजबूर, आने वाली है बड़ी आपदा

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जमीन की बिगड़ती सेहत से अकेले भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया चिंतित है। संयुक्त राष्ट्र की संस्था (UNCCD) के मुताबिक यदि मरुस्थलीकरण की यह रफ्तार नहीं थमीं, तो 2050 तक दुनिया की करीब 70 करोड़ आबादी पलायन के लिए मजबूर होगी। इनमें भारत की भी एक बड़ी आबादी शामिल होगी। मौजूदा समय में भारत की करीब 29 फीसद भूमि मरुस्थलीकरण से प्रभावित है। यही वजह है कि सरकार ने इससे निपटने के लिए बड़े स्तर पर प्रयास शुरु कर दिए है।

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वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक सरकार के स्तर पर इसे लेकर एक सामूहिक योजना शुरू करने की दिशा में काम किया जा रहा है। जिसमें सात से आठ मंत्रालयों को अलग-अलग भूमिकाओं के साथ जोड़ा जा सकता है। फिलहाल भूमि की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए कृषि मंत्रालय अभियान छेड़े हुए है। जिसमें भूमि की गुणवत्ता को जांच कर इसमें इस्तेमाल किए जाने वाले उर्वरकों से जुड़ी जानकारी दी जा रही है। इसके साथ ही वह जैविक खेती को बढ़ावा देने की मुहिम में जुटी हुई है।

मरुस्थलीकरण के प्रमुख कारण
मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक इनमें जिन मंत्रालयों को शामिल किया जा सकता है, उनमें कृषि, ग्रामीण विकास, वन एवं पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, रसायन एवं उर्वरक, जल संसाधन आदि मंत्रालय शामिल होंगे। मौजूदा समय में मरुस्थलीकरण के जो कारण है, उनमें रसायनों का ज्यादा इस्तेमाल, बाढ़ के चलते भूमि का क्षरण, जमीन को ज्यादा पानी देने आदि है। भारत में मौजूदा समय में 960 लाख हेक्टेयर भूमि बेकार और बंजर है, इनमें से करीब अगले दस सालों में करीब 50 लाख हेक्टेयर भूमि को उपजाऊ बनाने का लक्ष्य रखा है।

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