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पिछले साल 572 और इस साल 661 रेप

प्रदीप कुमार सिंह, नई दिल्ली। घर के बाहर खेल रही चार साल की गुड्डी अंधेरे में कहीं गुम हो गई। पार्क, पड़ोसी, रिश्तेदार सब जगह तलाश हुई। तीन दिन बाद गुड्डी तो नहीं, नग्न अवस्था में उसकी लाश जरूर परिजनों को मिल गई। दुख में डूबा परिवार कुछ संभल पाता उससे पहले ही मेडिकल रिपोर्ट में बच्ची से दुष्कर्म के खुलासे ने उन्हें तोड़कर रख दिय

By Edited By: Published: Sat, 22 Dec 2012 09:11 AM (IST)Updated: Sat, 22 Dec 2012 09:15 AM (IST)
पिछले साल 572 और इस साल 661 रेप

प्रदीप कुमार सिंह, नई दिल्ली। घर के बाहर खेल रही चार साल की गुड्डी अंधेरे में कहीं गुम हो गई। पार्क, पड़ोसी, रिश्तेदार सब जगह तलाश हुई। तीन दिन बाद गुड्डी तो नहीं, नग्न अवस्था में उसकी लाश जरूर परिजनों को मिल गई। दुख में डूबा परिवार कुछ संभल पाता उससे पहले ही मेडिकल रिपोर्ट में बच्ची से दुष्कर्म के खुलासे ने उन्हें तोड़कर रख दिया। प्राइवेट कंपनी में नौकरी कर लौट रही प्रीति (दोनों बदला हुआ नाम) का रास्ते में अपहरण हुआ और सामूहिक दुष्कर्म का शिकार बन गई। दिल्ली पुलिस के आंकड़ों पर ही यकीन करें तो शहर में न जाने ऐसी कितनी ही गुड्डी और प्रीति हैं जो आए दिन वहशी दरिंदों का शिकार बन रही हैं। पुलिस आयुक्त नीरज कुमार की मानें तो 2011 की तुलना में इस साल दुष्कर्म की वारदात बढ़ी हैं। इसके पीछे वह जनसंख्या में बढ़ोत्तरी व मामलों को दर्ज कराने के लिए महिलाओं का आगे आना मानते हैं। लेकिन सवाल यह है कि आखिर वहशी दरिंदों पर पुलिस लगाम क्यों नहीं लगा पा रही है? पुलिस अधिकारियों की मानें तो तीन साल की बच्ची से लेकर 80 साल की बुजुर्ग महिलाओं तक के साथ दुष्कर्म की वारदात हो रही है। समाजशास्त्री इसके लिए सामाजिक तानेबाने में आए बदलाव को जिम्मेदार मान रहे हैं। उनके अनुसार पुलिस, सरकार व समाज तीनों को मिलकर इस समस्या का समाधान खोजना होगा। स्कूलों के साथ अभिभावकों को भी इस दिशा में आगे आकर बच्चों को जागरूक करना होगा। क्राइम ब्रांच के संयुक्त आयुक्त एसबीके सिंह बताते हैं कि महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों में बाहरी लोगों का हाथ बहुत कम होता है। दुष्कर्म और छेड़छाड़ जैसी वारदातों में तो 96 प्रतिशत परिचित ही शामिल होते हैं। समाज को महिलाओं के प्रति अपनी सोच में बदलाव लाना होगा। जहां तक पुलिस की मौजूदगी बढ़ाने की बात है उस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। दिल्ली की मंत्री किरण वालिया ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे मामलों की स्थिति चिंता की बात है। इस पर रोक लगाने के लिए टॉस्क फोर्स बनाए जाने की जरूरत है। सरकार स्तर पर हम इस दिशा में काम कर रहे हैं। पुलिस विभाग से भी लगातार बैठकें जारी हैं।

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